इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI का नया प्रस्ताव, जानिए Insurance Premium से जुड़ी ताजा खबर
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इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI का नया प्रस्ताव, जानिए Insurance Premium से जुड़ी ताजा खबर

नया नियम लागू करने के पीछे IRDAI का मकसद ये है कि लोगों की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) एक्सपायर नहीं हो. वहीं बीमा कंपनियों के कामकाज भी बिना रुकावट लगातार बढ़ता रहे. इस फैसले से फिक्स कमाई नहीं होने वाले लोगों को अब पॉलिसी की ड्यू डेट तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

जिनकी कमाई निश्चित नहीं उनके लिए IRDAI का प्रस्ताव अच्छा विकल्प होगा...

मुंबई: अगर आप वेतनभोगी यानी सेलरीड प्रोफेशनल नहीं है यानी आपकी कमाई की कोई निश्चित समय सीमा नहीं है. तो ये खबर आपको जरूर ध्यान से पढ़नी चाहिए. दरअसल इंश्योरेंस रेगुलेटर यानी बीमा नियामक संस्था (IRDAI) अब आपकी पॉलिसी के बीमा प्रीमियम (Insurance Premium) को एडवांस में भरने का मौका दे रही है. नई योजना के तहत जब आप ड्यू डेट से पहले प्रीमियम भरेंगे तो आपको प्रीमियम पर डिस्काउंट मिलेगा या फिर जितना पहले प्रीमियम जमा करवाया है उस अवधि का ग्राहक को ब्याज दिया जाएगा. IRDAI अपने प्रस्ताव की चर्चा लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों से कर चुकी है. खबरों के मुताबिक जल्द ही इसका ड्राफ्ट सर्कुलर जारी कर दिया जाएगा.

  1. ड्यू डेट से पहले होगी प्रीमियम भरने की आजादी
  2. तय वक्त से पहले प्रीमियम भरने पर मिलेगी छूट 
  3. IRDAI का लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए प्रस्ताव

बीमा धारकों के हित में फैसला

नया नियम लागू करने के पीछे IRDAI का मकसद ये है कि लोगों की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) एक्सपायर नहीं हो. वहीं बीमा कंपनियों के कामकाज भी बिना रुकावट लगातार बढ़ता रहे. इस फैसले से फिक्स कमाई नहीं होने वाले लोगों को अब पॉलिसी की ड्यू डेट तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इरडा का मानना है कि इस फैसले से लोग अपनी सुविधा के हिसाब से इंश्योरेंस प्रीमिमय जमा करके अपनी पॉलिसी सुरक्षित कर सकेंगे. इस सिलसिले में पहले प्रीमियम जमा करवाने पर ग्राहकों को ब्याज का नुकसान नहीं होगा. अब पॉलिसी होल्डर को या तो प्रीमियम में डिस्काउंट मिलेगा या फिर बैंक दर पर ब्याज दिया जाएगा.

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इस तरह होगा कैलकुलेशन

ब्याज की गणना इस तरह की जाएगी. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के सेविंग अकाउंट होल्डर्स को हर साल 1 अप्रैल को मिलने वाली ब्याज दर और उस ब्याज दर में 1 फीसदी जोड़ कर इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी होल्डर को ब्याज देना होगा. वहीं कंपनियों को 7 दिन के अंदर समय से पहले लिए गए प्रीमियम की जानकारी भी IRDAI को देनी होगी.  

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