Petrol-Diesel Price: डेढ़ महीने बाद पेट्रोल-डीजल के रेट में एक बार फिर बढ़तोरी होने की आशंका है. सरकार भी आम जनता को महंगे तेल से राहत देने के लिए अलग-अलग विकल्प पर विचार कर रही है. आने वाले समय में सरकार की तरफ से किसी नई पॉलिसी की घोषणा की जा सकती है.
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Petrol-Diesel Price: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत पर पिछले करीब डेढ़ महीने से मिल रही राहत के दिन पूरे होने वाले हैं. मार्च में पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद तेल कंपनियों (Oil Companies) की तरफ से तेल की कीमत में इजाफा किया गया था. उस समय कंपनियों ने 22 मार्च से लेकर 5 अप्रैल के बीच 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी. अब एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ने की खबर है.
दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड ऑयल की लगातार बढ़ रही कीमतों के बीच तेल के रेट को लेकर सरकार की चिंता भी बढ़ गई है. कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरफ से जल्द नई पॉलिसी की भी घोषणा किए जाने की भी उम्मीद है. खबर है कि कंपनियां इस बार भी पेट्रोल-डीजल पर एकमुश्त रेट बढ़ाने के बजाय सिलेसिलेवार दाम में इजाफा करेंगी.
सहयोगी चैनल जी बिजनेस की रिपोर्ट के अनुसार तेल विपणन कंपनियों (OMC) को पेट्रोल की तुलना में डीजल पर ज्यादा राजस्व का नुकसान हो रहा है. ओएमसी को पेट्रोल पर 9 से 10 रुपये और डीजल पर 23 से 25 रुपये लीटर के राजस्व नुकसान हो रहा है. ऐसे में सरकार कीमत में कमी लाने के लिए ईंधन के विकल्प और पेट्रोल-डीजल में एथेनॉल मिलाने पर भी विचार कर रही है.
इसके अलावा सरकार और कई ऑप्शन जैसे टैक्स घटाने, एक्साइज ड्यूटी कम करने और राज्यों के वैट कम करने का भी प्रयास कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तेल कंपनियां घाटे को कम करने के लिए कीमतों में एकमुश्त बढ़ोतरी की बजाय सिलसिलेवार इजाफा करने की तैयारी कर रही हैं. इस बार डीजल की कीमत में 3-4 रुपये और पेट्रोल में 2-3 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है.
आपको बता दें फिलहाल राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के रेट 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96.67 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है. पिछले करीब 43 दिल्ली से तेल के रेट एक ही स्तर पर बने हुए हैं. आपको बता दें कि देश में 80 प्रतिशत तेल का आयात किया जाता है.