सरकार ने कर्मचारियों के लिए खुशखबरी लाई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों को संगठन से लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए रिटायरमेंट के समय 50,000 रुपए तक का 'लॉयल्टी-कम-लाइफ' लाभ दिया जाएगा. यह सुविधा 20 साल अथवा इससे अधिक समय तक ईपीएफओ में योगदान करते रहने वाले सदस्यों को उपलब्ध होगी.
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नई दिल्ली: सरकार ने कर्मचारियों के लिए खुशखबरी लाई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों को संगठन से लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए रिटायरमेंट के समय 50,000 रुपए तक का 'लॉयल्टी-कम-लाइफ' लाभ दिया जाएगा. यह सुविधा 20 साल अथवा इससे अधिक समय तक ईपीएफओ में योगदान करते रहने वाले सदस्यों को उपलब्ध होगी.
ईपीएफओ निदेशक मंडल ने यह भी फैसला किया है कि किसी सदस्य के स्थायी रूप से विकलांग होने की स्थिति में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी. ऐसी स्थिति में सदस्य का योगदान 20 वर्ष से कम रहने पर भी यह सुविधा उपलब्ध होगी. ईपीएफओ के लिए नीतियां बनाने वाली शीर्ष इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने किसी सदस्य की मृत्यु की स्थिति में उसे 2.5 लाख रुपए की न्यूनतम सुनिश्चित राशि उपलब्ध कराने की भी सिफारिश की है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सीबीटी ने कल अपनी बैठक में कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना (ईडीएलआई) को संशोधित करने की सिफारिश की है ताकि इसके तहत 2.5 लाख रुपए की न्यूनतम राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके. इसके साथ ही संगठन से लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए 50,000 रुपए तक का लाभ भी दिया जा सके.’ अधिकारी ने कहा कि इन सिफारिशों को सरकार की अनुमति के बाद लागू कर दिया जाएगा. इसे शुरू में दो वर्ष के लिए प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जाएगा और बाद में इसकी समीक्षा की जाएगी.
सीबीटी की सिफारिश के अनुसार 58 या 60 वर्ष की आयु पर रिटायरमेंट होने वाले उन सभी सदस्यों को 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा जिन्होंने संगठन में 20 वर्ष से अधिक अनुदान दिया होगा.