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RBI Cancels bank licence: एक और बैंक का लाइसेंस कैंसिल, क्या जमाकर्ताओं को मिलेगा उनका पैसा?

RBI cancels bank licence: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के उस्मानाबाद के वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक (Vasantdada Nagari Sahakari Bank, Osmanabad) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके पहले भी RBI ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मौजूद सुभद्रा लोकल एरिया बैंक का लाइसेंस भी रद्द किया था 

अभी जमाकर्ताओं को पूरा पैसा नहीं मिलेगा: RBI

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अभी जमाकर्ताओं को पूरा पैसा नहीं मिलेगा: RBI

RBI ने कहा कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से अभी के जमाकर्ताओं का पूरा पैसा वापस नहीं कर पाएगा. इसलिए उसका लाइसेंस रद्द किया गया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करने और परिसमापन की प्रक्रिया (liquidation proceedings) शुरू होने के साथ ही सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.

जमाकर्ताओं को मिलेंगे 5 लाख तक

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जमाकर्ताओं को मिलेंगे 5 लाख तक

रिजर्व बैंक ने कहा कि परिसमापन (liquidation) के बाद Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) से हर जमाकर्ता पांच लाख रुपये तक पाने के हकदार होगा. रिजर्व बैंक ने कहा कि DICGC से सहकारी बैंक के 99 परसेंट से ज्यादा जमाकर्ताओं को पूरी रकम वापस मिल जाएगी. सहकारी बैंक का लाइसेंस सोमवार को कारोबार समाप्त होने के बाद से रद्द माना जाएगा. इसके बाद सहकारी बैंक का कामकाज नहीं कर सकेगा

सुभद्रा लोकल एरिया बैंक का लाइसेंस भी रद्द हुआ था

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सुभद्रा लोकल एरिया बैंक का लाइसेंस भी रद्द हुआ था

इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने 23 दिसंबर को कोल्हापुर के सुभद्रा लोकल एरिया बैंक (Subhadra Local Area Bank, Kolhapur) का लाइसेंस रद्द किया था. तब केंद्रीय बैंक ने दलील दी थी कि बैंक जिस तरीके से काम कर रहा था, उससे मौजूदा और भविष्य के जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान पहुंच सकता था. सुभद्रा लोक एरिया बैंक के पास जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने के लिये पर्याप्त नकदी है. 

Karad Janata Sahakari Bank पर भी हुई थी कार्रवाई

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Karad Janata Sahakari Bank पर भी हुई थी कार्रवाई

इसके पहले महाराष्ट्र के ही एक और बैंक Karad Janata Sahakari Bank को लाइसेंस भी रिजर्व बैंक ने कैंसिल कर दिया था. RBI ने लाइसेंस रद्द करने के अपने फैसले के बाद बताया कि बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की दो तिमाहियों के दौरान न्यूनतम नेटवर्थ से जुड़ी शर्तों का भी पालन नहीं किया है. रिजर्व बैंक ने कहा था कि पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की गई है. रिजर्व बैंक ने कहा था कि बैंक के 99 परसेंट से ज्यादा जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से पूरी जमा राशि मिलेगी. लिक्विडेशन में हर जमाकर्ता को सामान्य बीमा नियमों और शर्तों के अनुसार बीमा एवं ऋण गारंटी निगम से पांच लाख रुपये तक का जमा वापस मिलता है. 

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