Share Market Bloodbath: ग्लोबल मार्केट के संकेतों के बीच आज फिर भारतीय शेयर बाजार फिर धड़ाम हो गया. चौतरफा बिकवाली का माहौल बना हुआ है. वैशिक बाजार में रूस-यूक्रेन युद्ध के समय शुरू हुई गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. इसका असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर दिख रहा है. आज सेंसेक्स आज 1158 अंक की गिरावट के साथ 52,930 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 359 अंक की गिरावट के साथ 15,808 पर बंद हुआ है. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.5 लाख करोड़ से ज्यादा घट गया है. निवेशकों को इस बिकवाली ने बड़ा नुकसान दिया है. आइए जानते हैं कौन सी वजहें हैं जिसके चलते शेयर बाजार में बिकवाली छाई है.
शेयर बाजार में गिरावट की वजह की बड़ी वजह है कि फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजार में निवेश करने से हिचक रहे हैं. फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स बिकवाल बने हुए हैं. एफपीआई ने बुधवार को 3,609.35 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. वहीं, अगर मई महीने की बात करें तो एफपीआई अब तक17,403 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं. साल 2022 में अब तक 1,44,565 करोड़ रुपये की बिकवाली हो चुकी है.
वैश्विक बाजार की स्थिति डमगडोल है. अमेरिकी बाजार में भी लगातार गिरावट का माहौल है. अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 326.63 अंक यानी 1.02 फीसदी फिसल गया. वहीं, एसएंडपी 500 में 1.65 फीसदी और Nasdaq Composite Index में 3.18 फीसदी टूट गई. इसके अलावा, जापान का निक्की 1.01 फीसदी गिर गया और हांगकांग का हैंगसेंग 1.05 फीसदी और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.36 फीसदी की गिरावट में रहा.
अमेरिका की तरफ से डी गई जानकारी के अनुसार, अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई मार्च के 8.5 फीसदी से कम होकर 8.3 फीसदी पर आ गई है. अमेरिका में बढ़ती महंगाई के के बने रहने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि फेडरल रिजर्व सख्ती से रेट हाइक कर सकता है. इससे सहमे इन्वेस्टर्स बिकवाली कर रहे हैं.
भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा है. दूसरी तरफ अमेरिकी डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है. अगर छह प्रमुख मुद्राओं की बात करें तो डॉलर का इंडेक्स बढ़कर 103.92 पर पहुंच गया है. डॉलर अपने दो दशक के उच्च स्तर है, जिससे मार्केट में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि डॉलर के मुकाबले अपना ऑल-टाइम लो छुआ है.
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