500 रुपये सस्ता सोना खरीदने का मौका! जारी होने वाली है सरकार की स्कीम
Sovereign Gold Bond: साल खत्म होते होते रिजर्व बैंक आपके लिए सस्ते में सोना खरीदने के लिए Sovereign Gold Bond की 9वीं सीरीज जारी करने वाला है. 28 दिसंबर को इसमें आप निवेश कर सकेंगे.
सस्ते में सोना खरीदने का मौका
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 की नौवीं सीरीज (9th Series) 28 दिसंबर 2020 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इसमें 1 जनवरी 2021 तक निवेश किया जा सकता है. RBI ने इस बार इश्यू प्राइस (Issue Price) 5,000 रुपये प्रति ग्राम तय किया है. यानि 10 ग्राम का भाव 50,000 रुपये हुआ. जो कि मार्केट रेट से कम है.
डिजिटल पेमेंट पर 500 रुपये की बचत!
अगर आप डिजिटल पेमेंट के जरिए इसमें निवेश करते हैं तो 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. यानि 10 ग्राम की खरीद पर आप 500 रुपये डिस्काउंट पा सकते हैं. पिछली बार गोल्ड बॉन्ड सीरीज की 8वीं सीरीज का इश्यू प्राइस 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था. यह आवेदन के लिये 9 नवंबर 2020 को खुला था और 13 नवंबर को बंद हुआ था.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 93 परसेंट रिटर्न बंपर रिटर्न
जिन निवेशकों ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के पहले इश्यू को सब्सक्राइब किया था, उन्हें बीते पांच सालों में करीब 93 परसेंट का रिटर्न मिल चुका है. ये बॉन्ड आठ साल में मैच्योर होते हैं, लेकिन निवेशक के पास पांच साल बाद बाहर निकलने का विकल्प होता है.
कहां से खरीद सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
इस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में कोई भी अधिकतम 4 किलो तक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. अगर आप सॉवरेज गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास PAN होना जरूरी है. इसे आप सभी कमर्शियल बैंक (RRB, छोटे फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक को छोड़कर), डाकघर, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) या सीधे एजेंट्स के जरिए आवेदन कर सकते हैं.
क्या होता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता. यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है. इसमें निवेश करने वालों के गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट (Gold Bond Certificate) दिया जाता है. मैच्योरिटी पूरा होने के बाद जब निवेशक इसे भुनाने जाता है तो उसे उस वक्त के गोल्ड वैल्यू के बराबर पैसा मिलता है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्याज का भुगतान किया जाता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टैक्स
जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता. इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. अगर बात रिडेंप्शन की करें तो पांच साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं.
एक फिक्स्ड ब्याज भी मिलता है
एक वित्त वर्ष में आप 4 किलो तक गोल्ड खरीद सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड में आपको सरकार सालाना 2.5 परसेंट का ब्याज भी देती है. यानी आपको सोने की बढ़ती कीमतों के अलावा ब्याज भी अलग से मिलता है.
मैच्योरिटी पीरियड क्या है
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक लंबे समय का निवेश है. इसका मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का है. लेकिन आप 5वें साल से इसको भुना सकते हैं. जब आप इसको भुनाएंगे तब आपको क्या कीमत मिलेती ये उस वक्त मार्केट में गोल्ड के भाव पर निर्भर करेगा.