PNB ने यूनाइटेड ब्रेवरीज को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया
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PNB ने यूनाइटेड ब्रेवरीज को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया

पंजाब नेशनल बैंक  ने विजय माल्या की अगुवाई वाली यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स (यूबीएचएल) को जानबूझकर चूक करने वाला यानी ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया है। कंपनी ने कहा है कि वह इस फैसले को चुनौती देने के लिए अपने वकीलों से विचार विमर्श कर रही है।

PNB ने यूनाइटेड ब्रेवरीज को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया

नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक  ने विजय माल्या की अगुवाई वाली यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स (यूबीएचएल) को जानबूझकर चूक करने वाला यानी ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया है। कंपनी ने कहा है कि वह इस फैसले को चुनौती देने के लिए अपने वकीलों से विचार विमर्श कर रही है।

यूबीएचएल ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि पीएनबी ने 11 फरवरी को भेजे पत्र के जरिये उसे ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया है। कंपनी ने कहा कि उसे यह पत्र सोमवार को मिला है। यूबीएचएल ने कहा कि कंपनी इस पर उचित कानूनी कार्रवाई के लिए अपने वकीलों से विचार विमर्श कर रही है। इससे पहले नवंबर में भारतीय स्टेट बैंक ने माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस और उसकी होल्डिंग कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज को जानबूझकर चूक करने वाला घोषित किया था।

एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के गठजोड़ ने मुंबई में किंगफिशर हाउस की 17 मार्च को नीलामी करने का फैसला किया है। ठप किंगफिशर एयरलाइंस से 6,963 करोड़ रुपये के ऋण के बकाये की कुछ हिस्से की वसूली के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। ठप एयरलाइंस पर पीएनबी का 800 करोड़ रुपये का बकाया है।

शराब कारोबारी माल्या की कंपनी किंगफिशर ने 2010 की शुरुआत में एयरलाइन के लिए दूसरे रिण पुनर्गठन के तहत एसबीआई की अगुवाई में 17 बैंकों के गठजोड़ से 6,900 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। बैंकों का दावा है कि यूनाइटेड ब्रेवरीज तथा विजय माल्या ने इस कर्ज के लिए गारंटी दी थी। एसबीआई ने एयरलाइन से करीब 1,600 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। इसमें से बैंक यूबी समूह की कंपनियों के गिरवी रखे शेयरों की बिक्री से करीब 1,100 करोड़ रुपये की वसूली कर पाए हैं। अन्य बैंकों में आईडीबीआई बैंक को एयरलाइन से 800 करोड़ रुपये, बैंक आफ इंडिया को 650 करोड़ रुपये, बैंक आफ बड़ौदा को 550 करोड़ रुपये तथा सेंट्रल बैंक आफ इंडिया को 410 करोड़ रुपये वसूलने है।

इसी तरह यूको बैंक को 320 करोड़ रुपये, कारपोरेशन बैंक को 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक आफ मैसूर को 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक को 90 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 60 करोड़ रुपये तथा एक्सिस बैंक को 50 करोड़ रुपये की वसूली करनी है।

 

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