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7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को भले ही 28 परसेंट भत्ता मिलने लगा है, लेकिन उनके 18 महीने के एरियर को लेकर उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी. सरकार ने जब महंगाई भत्ते को लेकर ऐलान किया था कि तो कहा था कि उन्हें बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता ही मिलेगा, लेकिन एरियर को लेकर सरकार ने इनकार कर दिया था.
लेकिन अब खबर आ रही है कि 18 महीने के एरियर का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है, अब पीएम मोदी एरियर को लेकर फैसला करेंगे. इससे एरियर को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदें एक बार फिर जाग गई हैं. अगर पीएम मोदी 18 महीने के एरियर को हरी झंडी देते हैं तो करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के खाते में मोटी रकम आएगी. फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 28 परसेंट हो चुका है. इसका फायदा केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को मिल रहा है.
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भारतीय पेंशनभोगी मंच (BMS) ने DA, DR के एरियर के भुगतान को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. BMS ने पीएम मोदी से अपील की है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करें. BMS ने अपील की है कि आप वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) को एक जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 के बीच रोके गए DA/DR के एरियर को जल्द जारी करने का निर्देश दें. इस बारे में तत्काल कार्रवाई पर हम अत्यंत आभारी रहेंगे. पेंशनर्स का तर्क है कि DA/DR जिस अवधि में रोके गए थे उस दौरान खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और पेट्रोल-डीजल की कीमतें, खाने का तेल और दलहन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं.
आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से मई 2020 में DA बढ़ोतरी को 30 जून 2021 तक के लिए रोक दिया था. 1 जुलाई 2021 से इसे फिर बहाल कर दिया गया है. तब से महंगाई भत्ते की तीन किस्त जारी की हैं. इसमें जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 का कुल 11 फीसदी DA जारी किया गया है. हालांकि, इन 18 महीनों के महंगाई भत्ता का एरियर (Dearness allowance arrears) नहीं दिया गया. मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha Monsoon session) में वित्त राज्यमंत्री ने एक लिखित बयान में स्पष्ट किया था एरियर देने पर कोई फैसला नहीं किया गया है.
DA/DR का भुगतान कर्मचारियों और पेंशनर्स की जीवनयापन की लागत में बढ़ोतरी की भरपाई करने के लिए होता है. 18 महीने के दौरान लागत में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में इस अवधि का पैसा रोकना कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में नहीं है. चिट्ठी में इस बात जिक्र किया गया है कि ज्यादातर पेंशनर्स बड़ी उम्र के हैं. चिकित्सा के लिए पैसे की जरूरत होती है. साथ ही कोविड-19 संकट की वजह से जयादातर पेंशनभोगियों की आय इतनी होती है कि वे सिर्फ अपना पेट भर सकते हैं.
BMS ने कहा कि इस बात में शक नहीं है कि देश वित्तीय संकट से जूझ रहा है. ज्यादातर पेंशनभोगियों ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (PM CARES) में एक दिन की पेंशन का योगदान दिया है. अब उन्हें जरूरत है तो सरकार को 'DA/DR का भुगतान करना चाहिए.
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