भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर नकेल डालने के लिए हाल में बने नए कानून के तहत सरकार ने पहला कदम शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ उठाया है.
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नई दिल्ली : भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर नकेल डालने के लिए हाल में बने नए कानून के तहत सरकार ने पहला कदम शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ उठाया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माल्या को इस कानून के तहत 'भगोड़ा अपराधी' घोषित करने और उसकी 12,500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के लिए मुंबई में अदालत का दरवाजा खटखटाया है. एक अध्यादेश के जरिये लागू नए कानून के तहत सरकार को कर्ज नहीं चुकाने वाले भगोड़ों की सभी संपत्ति जब्त करने का अधिकार है.
संपत्ति तुरंत जब्त करने की इजाजत मांगी
माल्या के खिलाफ लगाई गई अर्जी में भारतीय एजेंसियों से बच कर विदेश में रह रहे विजय माल्या और उसकी कंपनियों की करीब 12 हजार 500 करोड़ रुपये की संपत्ति को तुरंत जब्त करने की अनुमति मांगी गई है. इसमें चल-अचल दोनों तरह की संपत्तियां शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दायर पहले किए गए दो आरोप पत्रों में प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की अदालत से मांग की है.
माल्या ने मनी लॉड्रिंग निवारण कानून के तहत अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को लंदन की अदालत में चुनौती दी है. भारत माल्या को वापस लाने का कानूनी प्रयास कर रहा है. सरकार चाहती है कि विभिन्न बैंकों का 9 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लेकर फरार हुए माल्या को भारत लाकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. पीएमएलए के तहत कानून की मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय मामले की सुनवाई खत्म होने के बाद ही संपत्तियों को जब्त कर सकती है, जिसमें आमतौर पर कई वर्ष लगते हैं.