पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य योजना बोर्ड को एक व्यापक फसल विविधीकरण मॉडल तैयार करने के निर्देश दिए.
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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गिरते भूजल की जांच के लिए अपने फसल विविधीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए मंगलवार को राज्य योजना बोर्ड को एक व्यापक फसल विविधीकरण मॉडल तैयार करने के निर्देश दिए.
इस दौरान उन्होंने कम पानी की खपत वाली फसलों को प्राथमिकता देने की जरूरत पर बल दिया. बोर्ड को कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए भी निर्देशित किया गया है.
मुख्यमंत्री खेत नमूनों (पैटर्न) में बदलावों पर सुझाव देने के लिए गठित बोर्ड के एक सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने योजना विभाग से कहा कि वह राज्य में विभिन्न कृषि योजनाओं के आंकड़ों को एकत्र करने के लिए एक केंद्रीकृत डेटा विश्लेषण और निगरानी प्रभाग का गठन करे.
उन्होंने कहा कि यह सभी कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी और परियोजना के मूल्यांकन को सुनिश्चित करने के अलावा गुणवत्ता नीति और निर्णय लेने में मदद करेगा. तेजी से घटते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कम पानी की खपत वाली फसलों को प्राथमिकता देने की जरूरत पर बल दिया.
मुख्यमंत्री ने किसानों के बीच फसल से संबंधित जानकारी के प्रसार के साथ ही कीटनाशकों के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए ब्यूरो ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज के कामकाज की समीक्षा करने के लिए भी कहा. उन्होंने कृषि उत्पादों का पारिश्रमिक मूल्य सुनिश्चित करने के लिए एक सामान्य डिजिटल मंच की स्थापना के लिए सुझाव मांगे.
इस दौरान वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने नीलाम की गई पंचायती भूमि पर धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया. प्लानिंग बोर्ड के वाइस-चेयरमैन राजिंदर गुप्ता ने उत्पादन के मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया, ताकि इसे वैश्विक बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके.
इसके साथ ही किसान आयोग के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने ताजी सब्जियों के विपणन को आगे बढ़ाने के लिए मार्कफेड और पंजाब एग्रो को अधिक अधिकार देने की आवश्यकता पर जोर दिया.