Dish TV के मामले में Yes Bank और प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म IiAS की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. इन दोनों ने Dish TV के बोर्ड में से 5 डायरेक्टर को हटाने की मांग की थी. सवाल उठ रहे हैं कि इस सबके पीछे किसी कॉरपोरेट घराने का हाथ तो नहीं है?
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Dish TV-Yes Bank latest news: शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से Yes Bank और Dish TV फोकस में रहे हैं. दरअसल, यस बैंक ने डिश टीवी के बोर्ड में 5 डायरेक्टर्स को हटाने की डिमांड की थी. इस प्रस्ताव को प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म IiAS ने भी सपोर्ट किया था. लेकिन, अब Yes Bank और IiAS खुद ही अपने सवालों में फंसते दिख रहे हैं. अब सवाल उठ रहे हैं कि Yes Bank की ऐसी डिमांड रखने की मंशा क्या है. उसके बाद IiAS भी उसे क्यों सपोर्ट कर रही है? इसके पीछे दोनों की मंशा क्या है? अचानक ऐसी डिमांड्स क्यों की जा रही है? किसके कहने पर ये किया जा रहा है? और इससे क्या हासिल करना चाहते हैं? क्या Yes Bank और IiAS किसी बड़े कॉरपोरेट घराने के इशारे पर ये सब कर रहे हैं?
दरअसल, Yes Bank की डिमांड को पहले ही प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म SES ने सहमति देने से इनकार किया है. प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म SES ने अपने नोट में कहा था कि Dish TV के बोर्ड में बदलाव नहीं किया जा सकता. इसके लिए पहले इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री की मंजूरी लेनी होगी. ज़ी बिज़नेस की टीम ने इस पूरे मामले में कुछ अहम जानकारी जुटाई है. ज़ी बिज़नेस के असिस्टेंट एडिटर ब्रजेश कुमार और एक्जीक्यूटिव एडिटर स्वाति खंडेलवाल ने इस पूरे मुद्दे पर लोगों से बातचीत की. इसके आधार पर कई सवाल उठते दिख रहे हैं. आशंका है कि IiAS और यस बैंक दोनों ही किसी कॉरपोरेट घराने के इशारे पर ये सब कर रहे हैं. IiAS ने Yes Bank की जिस डिमांड को सपोर्ट किया उसके पीछे की मंशा क्या थी? इसमें इनका क्या रोल रहा है?
मोटे तौर पर देखें तो ये समझ आता है कि बड़े निवेशकों को गुमराह करने की कोशिश की गई है. मामले से जुड़े पूरे फैक्ट्स नहीं रखे हैं. कुछ सेलेक्टिव फैक्ट्स ही सामने रखे गए हैं. IiAS खुलकर इस बात को सामने नहीं रखना चाहती है. IiAS ने डिश टीवी के नतीजे रोकने की सिफारिश की है. सवाल ये है कि इससे आखिर क्या हासिल होगा? क्या निवेशकों के मन में जानबूझकर शंकाएं खड़ी करने की कोशिश की जा रही है. इस तरह की एडवाइजरी जारी करने का आखिर मकसद क्या है?
प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म IiAS क्या किसी कॉरपोरेट घराने के इशारे पर कर रही काम?
कॉरपोरेट गवर्नेंस पर इतना पक्षपात क्यों?
यस बैंक के प्रस्तावित नॉमिनी के खिलाफ SEBI का ऑर्डर, उस पर IiAS चुप क्यों? IiAS और यस बैंक से सवाल।#DishTV #YesBank @AnilSinghvi_ @BrajeshKMZee @SwatiKJain pic.twitter.com/Gu9kULqxs0
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 17, 2021
- क्या बड़े निवेशकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है IiAS?
- IiAS बताए कि कंपनी नतीजों को पास न करने देने से किसका भला?
- क्या किसी बड़े कॉरपोरेट घराने के लिए IiAS बन रही है 'प्रॉक्सी'?
- क्या किसी टेकओवर के इरादे वाली की मदद कर रही है IiAS?
- यस बैंक के प्रस्तावित नॉमिनी पर सेबी ऑर्डर, उस पर IiAS चुप क्यों?
- सेलेक्टिव कॉरपोरेट गवर्नेंस का मुद्दा उठाने के पीछे आखिर क्या इरादा है?
- ऐसा डायरेक्टर कॉरपोरेट गवर्नेंस के लिए या यस बैंक के हित के लिए?
IiAS की मंशा से स्पष्ट होता है कि कोई बड़ा कॉरपोरेट घराने डिश टीवी को खरीदना चाहता है और इस तरह की चीजें बाजार में फैलाकर दबाव बनाया जा रहा है. निवेशकों को गुमराह किया जा रहा है. यस बैंक ने डिश टीवी के लिए अपने नॉमिनी का प्रस्ताव दिया है. इसमें एक ऐसे व्यक्ति को डायरेक्टर बनाने का प्रस्ताव है जिसके खिलाफ SEBI ने ऑर्डर पास किया था. सेलेक्टिव डिस्क्लोजर देने का आरोप था. अभी पैसे भर कर सेबी से सेटलमेंट किया है. क्या ऐसे व्यक्ति के डिश टीवी के बोर्ड में नियुक्ति का प्रस्ताव IiAS को नहीं दिखता. क्या ऐसी नियुक्ति कॉरपोरेट गवर्नेंस के IiAS के स्टैंडर्ड से मेल खाती है. ऐसे ही सिफारिशें IiAS ने दूसरी कंपनियों में भी दरकिनार क्यों किया है. ऐसे में खुद प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म खुद ही किसी बड़े कॉरपोरेट घराने की प्रॉक्सी जैसा काम करती दिख रही है.
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यस बैंक ने ऐसे लोगों का नाम नॉमिनेट किया है, जिन पर खुद SEBI ने एक्शन लिया हुआ है. यस बैंक को डिश टीवी में दिक्कत दिखती है. लेकिन, वहीं यस बैंक ऐसे व्यक्ति को डिश टीवी के बोर्ड में लाना चाहता है जिसके खिलाफ एक रेगुलेटर का ऑर्डर था. यस बैंक पहले अनापशनाप लोन बांटने वालों के खिलाफ क्या एक्शन ले रहा है? इसकी कोई जानकारी नहीं है. जिन्होंने बैंक की सेहत बिगाड़ने में मदद की थी क्या सारे के सारे लोग बैंक से बाहर हो गए हैं? यस बैंक के बोर्ड को ऐसे लोगों में कोई कमी नहीं दिख रही है? लेकिन, दूसरी कंपनियों में IiAS को कॉरपोरेट गवर्नेंस का इश्यू दिखता है. ऐसे कई मुद्दे हैं जो मंशा पर सवाल उठाते हैं.
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