रघुराम राजन का बड़ा बयान, जिम्मेदारी मिली तो भारत लौटने को तैयार
अपनी नई किताब 'द थर्ड पिलर' के विमोचन के मौके पर रघुराम राजन ने कहा कि मैं जहां हूं खुश हूं, लेकिन नई जिम्मेदारी मिलती है तो मैं उसके लिए तैयार हूं.
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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि उनके लायक यदि कोई अवसर आता है तो वह भारत लौटने को तैयार हैं. राजन ने यह बात उन अटकलों के बीच कही है कि केंद्र में आम चुनावों के बाद अगर विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो वह अगले वित्त मंत्री हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पूर्व अर्थशास्त्री राजन ने कहा कि वह जहां हैं, 'बहुत खुश हैं.' लेकिन नये अवसरों के लिये तैयार हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे राजन को भाजपा नीत राजग सरकार ने रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर दूसरा कार्यकाल नहीं दिया.
उन्होंने अपनी नई किताब 'द थर्ड पिलर' का मंगलवार शाम विमोचन करने के मौके पर कहा, 'मैं जहां हूं, बहुत खुश हूं. लेकिन अगर मेरे लायक कोई अवसर आता है तो मैं हमेशा वहां रहना चाहूंगा.' फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में अध्यापन का काम कर रहे राजन से यह पूछा गया था कि क्या वह सार्वजनिक सेवा या राजनीतिक भूमिका में भारत लौटना चाहेंगे.
राहुल गांधी का दावा, 'न्याय योजना' के लिए रघुराम राजन से भी ली गई सलाह
राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकले हैं कि अगर आम चुनावों में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा और तेदेपा जैसे विपक्षी दलों का महागठबंधन जीतता है और सत्ता में आता है तो वह वित्त मंत्री हो सकते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि राजन शीर्ष अर्थशास्त्रियों में से एक है और उनकी पार्टी ने न्यूनतम आय योजना तैयार करते समय उनकी सलाह ली है. इस योजना के तहत कांग्रेस के सत्ता में आने पर देश के सर्वाधिक गरीब 5 करोड़ परिवार को सालाना 72,000 रुपये तक दिये जाएंगे.
रघुराम राजन ने कहा खतरे में है पूंजीवाद, बराबर अवसर नहीं मिलने के कारण विद्रोह की संभावना
सीएनबीसी टीवी 18 को दिये साक्षात्कार में राजन ने कहा कि अभी इस बारे में चर्चा करना जल्दबाजी है कि उनसे सत्ता में आने वाला कोई भी दल सरकार में महत्वपूर्ण पद लेने के लिये संपर्क करता है तो वे क्या करेंगे. उन्होंने कहा, 'इस पर चर्चा करना जल्दबाजी है. मुझे वास्तव में लगता है कि यह भारत के लिये महत्वपूर्ण चुनाव है और हमें नये सुधारों की जरूरत है. मुझे उन विचारों को आगे बढ़ाने में खुशी होगी.'