रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस सिलसिले में बताया कि अब ऐसे रेलवे कोच का निर्माण किया जा रहा है जिससे गंभीर नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाएगी.
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नई दिल्ली: देश में रेल एक्सीडेंट को रोकने की दिशा में अहम प्रगति हुई है. रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने इस सिलसिले में बताया कि अब ऐसे रेलवे कोच का निर्माण किया जा रहा है जिससे गंभीर नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाएगी. इस सिलसिले में उन्होंने राज्यसभा में अपने भाषण का वीडियो शेयर कर इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब सरकार ऐसे रेलवे कोच बना रही है जोकि दुर्घटना होने की स्थिति में एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते. यानी एक कोच दूसरे से गड्डमड्ड नहीं होता. सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान इसी कारण होता रहा है. अब ऐसे कोच बनाना सरकार ने बंद कर दिया गया है.
2009 से 2014 के बीच में 1,866 LHB कोचेस बनाये गये, बाकि सब ICF कोचेस बनते थे, जबकि LHB कोचेस का सुरक्षा रिकार्ड बेहतर रहता है।
वहीं 2014 से 2019 के बीच 9,932 LHB कोचेस बनाये गये हैं, और गत 2 वर्षों से रेलवे ने ICF कोचेस बनाना ही बंद कर दिया गया है। pic.twitter.com/sr05GOCnqh
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 17, 2020
पीयूष गोयल ने कहा कि दरअसल LHB रेलवे कोच का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतर होता है. लेकिन 2014 में मोदी सरकार के आने से पहले इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-1 (2009-2014) सरकार का हवाला देते हुए बताया कि उन पांच वर्षों में महज 1,866 LHB कोच बनाए गए. जबकि व्यापक पैमाने पर ICF कोच ही बनाए जाते रहे. जबकि LHB कोच की खासियत होती है कि रेल एक्सीडेंट होने की स्थिति में ये वहीं अटक जाते हैं. एक कोच दूसरे पर नहीं चढ़ता. गड्डमड्ड की स्थिति नहीं बनती.
उन्होंने कहा कि 2014 में जब हम लोग सत्ता में आए तो पूछा कि जब LHB कोच सुरक्षा के लिहाज से बेहतर है तो ICF ही ज्यादातर क्यों बनाए जा रहे हैं? इस पर कोई जवाब नहीं दे सका. उसके बाद रेलवे ने 2014 से 2019 के बीच 9,932 LHB कोच बनाए हैं और पिछले 2 वर्षों से रेलवे ने ICF कोच बनाना ही बंद कर दिया है. ये जो तकरीबन 10 हजार नए कोच बनाए गए हैं, ये सुरक्षा की हर दृष्टि से बेहतर हैं.