प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. सुबह छह बजे से ही नए रेट्स (New rates) लागू हो जाते हैं. पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी (excise duty), डीलर कमीशन (dealer commission) और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है.
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नई दिल्लीः देश के कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत 91 रुपये के पार चली गई है. इस वक्त राजस्थान और मध्य प्रदेश देश के दो ऐसे राज्य हैं, जहां पर पेट्रोल-डीजल सबसे ज्यादा महंगा है. इसका कारण है सेंट्रल टैक्स के अलावा लगने वाला वैट और सेस.
राजस्थान में है सबसे ज्यादा वैट
राजस्थान में इस वक्त वैट की दर पड़ोसी राज्यों से 10 फीसदी ज्यादा है. राज्य में पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 38 रुपये व 28 रुपये वैट है. रविवार को यहां पर पेट्रोल 90.55 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.53 रुपये है. जानकारी के अनुसार प्रदेश में पेट्रोल पर 30 फीसदी और डीजल पर 22 फीसदी टैक्स वसूला जाता है.
आपको बता दें कि पंजाब में 20 रुपये 11 पैसे पेट्रोल पर और 11 रुपये 80 पैसे डीजल पर वैट है. इसी तरह हरियाणा में यह दर क्रमश: 21 और 12 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 26.8 और 17.4 फीसदी, दिल्ली में 20 और 12.5 फीसदी है. यही वजह है कि यहां पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों का सबसे ज्यादा असर राजस्थान और मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है.
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मध्य प्रदेश में यह है वैट
मध्य प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थो (petroleum products) पर मूल्य आधारित कर (value based tax) सबसे अधिक है. मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह के अनुसार मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर वैट की दर क्रमश: 39 फीसदी और 28 फीसदी है. इसके कारण अन्य राज्यों की तुलना में यहां पेट्रोल व डीजल की कीमत अधिक ही रहती है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमत पहली बार 91 रुपये प्रति लीटर के पार भी पहुंच गयी है.
कैसे घट सकते हैं दाम
पेट्रोल- डीजल के दामों को राज्य स्तर पर घटाने के लिए सरकार कदम उठा सकती है. इसमें वैट को कम करने के सीधे तरीके के अलावा रोड सेस में राहत देकर भी सरकार लोगों को तत्काल दे सकती है. राजस्थान में पेट्रोल पर 1.5 और डीजल पर 1.75 रुपये रोड सेस के है. पेट्रोल और डीजल पर रोड सेस से सरकार को हर महीने करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व मिल रहा है.
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