बिक्री दो गुना करेगी पतंजलि, 2017-18 में ₹20000 करोड़ के कारोबार का लक्ष्य
Advertisement

बिक्री दो गुना करेगी पतंजलि, 2017-18 में ₹20000 करोड़ के कारोबार का लक्ष्य

बाबा रामदेव की अगुवाई वाली रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद का कारोबार करने वाली पतंजलि ने चालू वित्त वर्ष में अपनी बिक्री दो गुना कर 20,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है. पातंजलि देशभर में वितरण नेटवर्क में वितरकों की संख्या दोगुना कर 12000 करने की भी योजना बनायी है. इसके अलावा कंपनी बाजार में अपनी उपस्थिति और मजबूत करना तथा ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में अगुवाई करना चाह रही है. हरिद्वार की इस कंपनी ने 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 10,561 करोड़ रुपये का कारोबार किया.

पतंजलि ने 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 10,561 करोड़ रुपये का कारोबार किया. (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: बाबा रामदेव की अगुवाई वाली रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद का कारोबार करने वाली पतंजलि ने चालू वित्त वर्ष में अपनी बिक्री दो गुना कर 20,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है. पातंजलि देशभर में वितरण नेटवर्क में वितरकों की संख्या दोगुना कर 12000 करने की भी योजना बनायी है. इसके अलावा कंपनी बाजार में अपनी उपस्थिति और मजबूत करना तथा ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में अगुवाई करना चाह रही है. हरिद्वार की इस कंपनी ने 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 10,561 करोड़ रुपये का कारोबार किया.

योगगुरु रामदेव ने गुरुवार (4 मई) को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम इस साल और दोगुनी रफ्तार से बढ़ेंगे, अगले साल पतंजलि ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में अग्रणी रहेगी. यह नंबर एक होगी.’ कंपनी नोएडा, नागपुर और इंदौर समेत कई स्थानों पर बड़ी उत्पादन इकाइयां लगा रही है जिससे उसकी उत्पादन क्षमता वर्तमान वर्तमान 35,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये की हो जाएगी.

योगगुरु ने कहा, ‘हमारी नोएडा इकाई की उत्पादन क्षमता 20,000 करोड़ रुपये की, नागपुर की 15,000-20000 करोड़ रुपये की तथा इंदौर की 5000 करोड़ रुपये की होगी.’ कंपनी देशभर में अधिकाधिक ग्राहकों तक पहुंचने के लिए अपना वितरण नेटवर्क भी मजबूत बना रहा है. रामदेव ने कहा, ‘हम अपने वितरक नेटवर्क को 6000 से बढ़ा कर 12000 करेंगे.’ इस वित्त वर्ष में कंपनी मसालों, दालों, वनस्पति तेलों, बिस्कुटों, कंफेक्शनरी और जूसों जैसी श्रेणियों में अपना ध्यान बढ़ाना चाह रही है तथा इन श्रेणियों में और उत्पादों को शामिल करना चाह रही है.

वित्त वर्ष 2016-17 में पतंजलि आयुर्वेद ने अपने कारोबार में 9634 करोड़ रुपये का योगदान दिया था जबकि दिव्य फार्मेसी ने 870 रुपये की बिक्री की थी. इस वित्त वर्ष में पतंजलि घी ने 1467 करोड़ रुपये का कारोबार किया जबकि दंतकांति टूथपेस्ट ने 940 रुपये का कारोबार किया. केशकांति की 825 करोड़ रुपये की बिक्री रही जबकि हर्बल साबुन का कारोबार 574 करोड़ रुपये का रहा.

उन्होंने कहा, ‘दंतकांति का अब इस श्रेणी में बाजार में 14 फीसदी हिस्सेदारी है. शहद ने 350 करोड़ रुपये का कारोबार किया और वह इस साल बढ़कर 500-600 करोड़ तक बढ़ेगी. हमारी कच्ची घानी सरसों तेल ने करीब 522 करोड़ रुपये का कारोबार किया और वह बढ़कर 1000 करोड़ रुपये तक पहुंचेगी.’ कंपनी के अनुसार अब उसका बाजार में शैंपू में 15 फीसदी, फेसवाश में 14 फीसदी, डिशवाशर में 35 फीसदी और शहद में 50 फीसदी शेयर है.

पतजंलि के मुख्य कार्यकारी आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कंपनी देशभर में पांच विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण के लिए 5000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. जब रामदेव से पूछा गया कि क्या कंपनी इस साल किसी नये उत्पाद की श्रेणी में उतरने जा रही है तो रामदेव ने कहा, ‘इस साल हम अपनी वर्तमान श्रेणियों को बढ़ाने पर ध्यान देंगे.’ रामदेव ने यह आलोचना भी खारिज कर दी कि कंपनी विनिर्माण का आउटसोर्स करती है. उन्होंने कहा, ‘हमारे 99 फीसदी उत्पाद अपने यहां बने हुए हैं. लोग पतंजलि के बारे में अफवाह फैलाते हैं. हमारी करीब 35,000 करोड़ रुपये की उत्पादन क्षमता है. ’’

Trending news