रतन टाटा का छलका दर्द, बोले- जब देश इसे विफल कंपनी के रूप में देखता है तो दुख होता है
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रतन टाटा का छलका दर्द, बोले- जब देश इसे विफल कंपनी के रूप में देखता है तो दुख होता है

टाटा मोटर्स से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए रतन टाटा ने कहा, ‘ टाटा मोटर्स से जुड़ा होना गर्व की बात है... नये वाहन बनाना हो, यात्री कार खंड में उतरना हो या नयी प्रणाली बनाना हो... ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे हासिल करने के लिए हमने अपना सर्वसर्व नहीं झोंका.’ 

टाटा समूह के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा (फाइल फोटोः रॉयटर्स)

नई दिल्लीः टाटा समूह के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा ने सोमवार को टाटा मोटर्स के कर्मचारियों से कहा कि वे फिर से इस कारोबार की प्रमुख कंपनी बनने की योजना बनाएं. उन्होंने कहा कि पिछले चार पांच साल में समूह की इस कंपनी की बाजार भागीदारी घटी है और जब देश इसे विफल कंपनी के रूप में देखता है तो दुख होता है. वे पुणे में कंपनी कर्मचारियों के एक सालाना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. हर नये वित्त वर्ष की शुरुआती में होने वाला यह पारंपरिक कार्यक्रम लगभग पांच साल के अंतर के बाद आयोजित किया गया. उन्होंने कहा कि चेयरमैन एन चंद्रशेखरन व प्रबंध निदेशक गुएंतर बुशचेक के नेतृत्व में टाटा मोटर्स भविष्य में आगे बढ़ना जारी रखेगी.

टाटा मोटर्स से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए रतन टाटा ने कहा, ‘ टाटा मोटर्स से जुड़ा होना गर्व की बात है... नये वाहन बनाना हो, यात्री कार खंड में उतरना हो या नयी प्रणाली बनाना हो... ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे हासिल करने के लिए हमने अपना सर्वसर्व नहीं झोंका.’ हाल ही के वर्षों में कंपनी की बाजार भागीदारी में गिरावट पर टिप्प्णी करते हुए रतन टाटा ने कहा, ‘ मुझे दुख होता है जब हमने बीते चार पांच साल में बाजार भागीदारी गंवा दी और हम एक ऐसी कंपनी बन गए जिसे देश विफल कंपनी के रूप में देखने लगा.’ 

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टाटा मोटर्स का एकल सकल कारोबार 2016-17 में 3.6 प्रतिशत बढ़कर 49,100 करोड़ रुपये रहा जो कि इसी दौरान उसका एकल आधार पर कर बाद नुकसान 2480 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 62 करोड़ रुपये था.

भूषण स्टील के लिए टाटा स्टील की 35,200 करोड़ रुपये नकद की पेशकश, शेष कर्ज को इक्विटी में बदलेगी
टाटा स्टील ने भूषण स्टील के अधिग्रहण के लिए35,200 करोड़ रुपये नकद देने और करीब 27,000 करोड़ रुपये के शेष कर्ज के बदले शेयर देने की पेशकश की है. ऋणदाताओं की समिति: सीओसी: के वकील ने आज राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण( एनसीएलटी) को यह सूचना दी.

वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने एनसीएलटी की प्रमुख पीठ को बताया कि ऋणदाताओं (बैंकों) को भूषण स्टील में12.27 प्रतिशतहिस्सेदारी मिल सकती है. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील सबसे ऊंची बोली लगाने वाली( एच1) है. उसने35,200 करोड़ रुपये के नकद भुगतान की पेशकश की है. शेष कर्ज कोशेयर में बदला जाएगा.

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कदम ने कहा, ‘‘ वित्तीय ऋणदाताओं को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी के बाद भूषण स्टील में12.27 प्रतिशत इक्विटी मिलेगी.’’  इस साल एक फरवरी तक भूषण स्टील पर कुल 57,160 करोड़ रुपये का कर्ज था. उन्होंने बताया कि कंपनी पर 56,051 करोड़ रुपये का वित्तीय ऋण है जबकि उस पर 1,050 करोड़ रुपये का परिचालन कर्ज है. उन्होंने बताया कि भूषण स्टील का परिसमापन मूल्य14,541 करोड़ रुपये है. टाटा ने कंपनी के परिचालन ऋणदाताओं को भी1,200 करोड़ रुपये की पेशकश की है.

(इनपुट भाषा से)

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