रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार, बैंकों में जमा लोगों का 49.1 फीसदी पैसा सुरक्षित नहीं है. RBI ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इसका जिक्र करते हुए इसके कारण के बारे में भी बताया है.
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नई दिल्ली: अगर आप भी अपनी मेहनत की कमाई में से थोड़े-थोड़े पैसे बचाकर बैंक में सेविंग कर रहे हैं तो ये खबर आप ही के बहुत जरूरी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपनी सालाना रिपोर्ट (RBI Annual Report) जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 4.8 करोड़ खातों की रकम बैंक में सुरक्षित नहीं है. आइए जानते हैं RBI ने ऐसा क्यों कहा...
दरअसल, बैंक के दिवालिया होने पर जमाकर्ता के पास एकमात्र राहत डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी (DICGC) द्वारा दिया जाने वाला इंश्योरेंस कवर होता है. पिछले साल 4 फरवरी को DICGC ने इंश्योरेंस कवर की राशि को 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक बढ़ाया है. लेकिन ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, 4.8 करोड़ खातों में जमा रकम अब भी सुरक्षित नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2021 तक 252.6 करोड़ खातों में से 247.8 करोड़ का ही इंश्योरेंस है. यानी 4.8 करोड़ खातों की रकम DICGC के तहत बीमित नहीं है यानी इन खातों में जमा रकम बैंक के डूबने से डूब सकती है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2021 के अंत तक कुल बीमित जमा राशि 76,21,258 करोड़ रुपये थी. यह 1,49,67,776 रुपये के आकलन योग्य जमा (Assessable Deposits) का केवल 50.9 फीसदी है. इसका मतलब यह है कि बैंकों में जमा की गई राशि का लगभग 49.1 फीसदी डीआईसीजीसी कवर में नहीं है. RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, डीआईसीजीसी कवर सभी बैंकों के लिए उपलब्ध है. लेकिन कई बैंकों का डीआईसीजीसी के साथ पंजीकृत नहीं होना या प्रीमियम का भुगतान नहीं करना जमा को कवर नहीं करने का मुख्य कारण है.
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DIGCI का 5 लाख तक का बीमा कवर सेविंग अकाउंट्स (Saving Accounts), एफडी (Fixed Deposit), करंट अकाउंट्स (Current Account), आरडी (RD) आदि जैसे डिपॉजिट पर काम करता है. डीआईसीजीसी की डिपॉजिट इंश्योरेंस एलएबी, पीबी, एसएफबी, आरआरबी और सहकारी बैंकों सहित सभी बीमाकृत कामर्शियल बैंकों को कवर करता है.
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