RBI का बड़ा फैसला, अब किसी भी नए बैंक को नहीं मिलेगा लाइसेंस
Advertisement

RBI का बड़ा फैसला, अब किसी भी नए बैंक को नहीं मिलेगा लाइसेंस

6 जून को RBI की नई मौद्रिक नीति का ऐलान किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि रेपो रेट 25 प्वाइंट्स घटाए जाएंगे.

बैंक के टॉप मैनेजमेंट ने सैद्धांतिक तौर पर नए लाइसेंस नहीं दिए जाने का फैसला किया है. (फाइल)

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के ऐलान से पहले एक बड़ी खबर आ रही है. जानकारी के मुताबिक, सेंट्रल बैंक ने नए बैंकों को फिलहाल लाइसेंस नहीं जारी करने का फैसला लिया है. यह फैसला बैंक के टॉप अधिकारियों ने मिलकर किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ फाइनेंशियल सुपरविजन (Board of Financial Supervision) में यह फैसला किया गया है.

बैंक के टॉप मैनेजमेंट ने सैद्धांतिक तौर पर नए लाइसेंस नहीं दिए जाने का फैसला किया है. उम्मीद की जा रही है कि अगले 2-3 सालों तक नए बैंकों को लाइसेंस जारी नहीं करने पर सहमति बनी है. फाइनेंशियल सुपरविजन बोर्ड ने बैंकों की वर्तमान हालत को देखते हुए यह फैसला लिया है. नए लाइसेंस प्राप्त बैंकों की हालत देखने के बाद RBI इस दिशा में सोचने के लिए मजबूर हो गया. बता दें, जब रघुराम राजन रिजर्व बैंक के गवर्नर थे, तब उन्होंने 'ऑन टैप' का नियम लाया था. इसके तहत कभी भी बैंकों को लाइसेंस जारी करने की नीति अपनाई गई.

वित्त वर्ष 2019 में बैंकों के साथ हुआ 71500 करोड़ रुपये का फ्रॉड, RTI के जरिए खुलासा

नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (NBFC) और बैंक मर्जर को लेकर सेंट्रल बैंक केस-टू-केस बेस पर फैसला लेगा. बता दें, IDFC बैंक, बंधन बैंक को 2015 में फुल बैंक का लाइसेंस मिला था. IDFC बैंक का आखिरकार Capital First के साथ मर्जर करना पड़ा. 

Trending news