कम नहीं होगी आपके होम लोन की EMI, RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव
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कम नहीं होगी आपके होम लोन की EMI, RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव

रिजर्व बैंक ने मुद्रस्फीति का जोखिम बढ़ने का खतरा देखते हुए लगातार दूसरी बार द्वैमासिक समीक्षा में अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 प्रतिशत पर यथावत रखा। केन्द्रीय बैंक ने साथ ही मौद्रिक नीति के रख को ‘नरम’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया और नोटबंदी के असर के बीच चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भी घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।

कम नहीं होगी आपके होम लोन की EMI, RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव

मुंबई: रिजर्व बैंक ने मुद्रस्फीति का जोखिम बढ़ने का खतरा देखते हुए लगातार दूसरी बार द्वैमासिक समीक्षा में अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 प्रतिशत पर यथावत रखा। केन्द्रीय बैंक ने साथ ही मौद्रिक नीति के रख को ‘नरम’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया और नोटबंदी के असर के बीच चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भी घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।

दोहपर बाद रिजर्व बैंक की नीतिगत घोषणाओं से शेयर बाजार में काफी उठापटक हुई और खास कर बैंकों के शेयरों में बिकवाली के दबाव के बीच बांबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 180 अंक से अधिक टूट गया था। बाद में बाजार में कुछ सुधार हुआ और गिरावट अंत में सीमित रह गयी थी। उद्योगों और कारोबारियों को खासतौर से नोटबंदी को देखते हुये मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की काफी उम्मीद थी।

रिजर्व बैंक ने समीक्षा में कहा है, ‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का फैसला 2016-17 की चौथी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत पर रखने के उद्देश्य को पाने की दिशा में तटस्थ रख के अनुरूप है। समिति ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देते हुये मध्यम अवधि में दो प्रतिशत उपर अथवा नीचे के दायरे में चार प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में यह कदम उठाया है।’ समिति ने मुख्य नीतिगत दर रेपो 6.25 प्रतिशत पर बरकार रखा है। यह वह दर है जिसपर केन्द्रीय बैंक अन्य बैंकों को एक दिन की जरूरत के लिये नकद राशि उपलब्ध कराता है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी 5.75 प्रतिशत पर स्थिर रही। इसके तहत रिजर्व बैंक तंत्र में उपलब्ध अतिरिक्त नकदी को सोखता है।

समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है। पिछली मौद्रिक समीक्षा में वृद्धि अनुमान पहले के 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया गया था। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि तेजी से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने इससे पहले सात दिसंबर 2016 की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था। 

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