इस हफ्ते RBI लेगा आपकी EMI को लेकर बड़ा फैसला, 6 अगस्त को होगी घोषणा
कोरोना काल में इस हफ्ते Reserve Bank of India आपकी EMI को लेकर के बड़ा फैसला ले सकता है. सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक चार अगस्त से शुरू होकर के 6 अगस्त तक चलेगी.
नई दिल्लीः कोरोना काल में इस हफ्ते Reserve Bank of India आपकी EMI को लेकर के बड़ा फैसला ले सकता है. सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक चार अगस्त से शुरू होकर के 6 अगस्त तक चलेगी, जिसमें रेपो रेट को लेकर के फैसला होगा. गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में होने वाली बैठक में लोगों को पता चलेगा कि लोन की ईएमआई को लेकर क्या फैसला लिया जाता है.
एक्सपर्ट को ये है उम्मीद
एसबीआई रिसर्च (SBI Research) की रिपोर्ट-इकोरैप में कहा गया है कि हमारा मानना है कि अगस्त में रिजर्व बैंक दरों में कटौती नहीं करेगा. एमपीसी की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि मौजूदा परिस्थतियों में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए और क्या गैर-परंपरागत उपाय किए जा सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी से रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती हो चुकी है. बैंकों ने ग्राहकों को नए कर्ज पर इसमें से 0.72 फीसदी कटौती का लाभ दिया है. कुछ बड़े बैंकों ने तो 0.85 फीसदी तक का लाभ स्थानांतरित किया है.
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रिपोर्ट कहती है कि इसकी वजह यह है रिजर्व बैंक ने नीतिगत उद्देश्यों को पाने के लिए आगे बढ़कर तरलता को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने वित्तीय परिसंपत्तियां रखने को प्राथमिकता दी है. इससे देश में वित्तीय बचत को प्रोत्साहन मिला है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘वित्त वर्ष 2020-21 में वित्तीय बचत में इजाफा होगा. इसकी एक वजह लोगों द्वारा एहतियाती उपाय के तहत बचत करना भी है.'
बार्कलेज का ये है आकलन
विदेशी ब्रोकरेज Barclays ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ब्याज दरों में और कटौती करनी चाहिए. आरबीआई की मौद्रिक नीति कमिटी (एमपीसी) की बैठक 4 अगस्त से शुरू होगी. ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि हाल ही में महंगाई में वृद्धि के बावजूद अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए नीतिगत समीक्षा में एक बार और दरों में कटौती करनी चाहिए.
खुदरा महंगाई 6 फीसदी के पार
बार्कलेज के विश्लेषकों ने माना कि ऊंची महंगाई की दरें आरबीआई के नीतिगत दृष्टिकोण के बारे में संदेह फैला रही हैं. इस ब्रोकरेज हाउस ने केंद्रीय बैंक द्वारा 0.25 फीसदी की कटौती का समर्थन भी किया. जिससे अब लोग पहले से ज्यादा सावधानी बरतने को तैयार होंगे. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई ने जून में आरबीआई के 6 फीसदी के लक्ष्य के को पार कर लिया.
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