RBI ने अगले आदेश तक Yes Bank के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी है.
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नई दिल्ली: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने Yes Bank मामले पर चिंता जाहिर करते हुए सवाल किया है कि क्या अब हमारी बचत बैंक में सुरक्षित है या नहीं. बता दें आरबीआई ने येस बैंक पर पाबंदी लगा दी है.
असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, ‘पहले ILFS, दीवान जैसे नॉन बैंक थे जो कि गिरती अर्थव्यवस्था के चपेट में आए. फिर पीएमसी जैसा एक बड़ा कॉर्पोरेटिव बैंक इसकी चपेट में आ गया. और अब यस बैंक जैसा पहला कर्मिशियल बैंक फेल हो गया है.’
First it was non banks like ILFS & Dewan that collapsed under the weight of a crashing economy
Then a big cooperative bank in the rich state of Maharashtra, PMC Bank failed
Now we’ve the first ever scheduled commercial bank to fail: Yes Bank
Are our savings safe from banks? https://t.co/GaS22OXaZE
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 6, 2020
असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछा कि क्या हमारी बचत बैंक में सुरक्षित है?
गौरतलब है कि RBI ने बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिया है. RBI ने अगले आदेश तक Yes Bank के ग्राहकों के लिए कैश निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी है.
RBI ने यस बैंक पर मोराटारियम लगा दिया है. मोराटोरियम का मतलब होता है किसी विशेष समय के लिए संबंधित गतिविधियों या कार्य को यथास्थिति पर रोक देना. यानी अब बैंक अब न लोन दे सकेगा और न बिना अनुमति के कैश निकाला जाएगा. यस बैंक का मोराटोरियम 5 मार्च से शुरू हो रहा है और अगले 30 दिन तक ये लागू रहेगा.
हालांकि अगर खाता धारकों को 50 हज़ार रुपये से ज्यादा पैसा निकालना है तो इमरजेंसी के लिए शिक्षा, बीमारी शादी के लिए पैसे निकाले जा सकते हैं. RBI का कहना है कि पैनिक करने की ज़रूरत नहीं है, ग्राहकों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
यस बैंक की वित्तीय हालत बहुत खराब हो गई थी. उसे लगातार घाटा हो रहा था. बैंक पर NPA भी था. कॉर्पोरेट गवर्नेंस से संबंधित गड़बड़ियां पाई गई थीं. इन सबको देखते हुए RBI ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के तहत कार्रवाई की है. RBI ने बैंक का मौजूदा बोर्ड भंग कर दिया है और अपना एक एडमिनिस्ट्रेटर यस बैंक में बैठा दिया है. एडमिनिस्ट्रेटर का नाम है प्रशांत कुमार जो एसबीआई के पूर्व डिप्टी एमडी रहे हैं.