अगर आपका कैश फ्लो कम हो गया है तो बैंक के साथ लोन रीस्ट्रक्चरिंग कर सकते हैं. इसके लिए आपका लोन अकाउंट का स्टेटस स्टैंडर्ड होना जरूरी है. 1 मार्च, 2020 तक आपका अकाउंट 30 दिन से ज्यादा के डिफॉल्ट में नहीं होना चाहिए.
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नई दिल्लीः Covid-19 के चलते लगे लॉकडाउन और उसके बाद अनलॉक के चलते कई लोगों को लोन चुकाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. लोन मोरेटोरियम अवधि समाप्त होने के बाद भी कई लोग ऐसे हैं जो बिजनेस ठप होने या फिर नौकरी जाने के चलते लोन की ईएमआई चुका पाने में अभी भी असमर्थ हैं. ऐसे लोगों के लिए RBI खास स्कीम लाया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्पष्ट किया है कि Covid 19 के कारण कर्ज चुकाने में मुश्किलों का सामना कर रहे कर्जदार कोई ठोस योजना बनाए बिना भी कर्ज के समाधान के लिए आवेदन कर सकते हैं.
जारी किए FAQ
केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में एफएक्यू (FAQ) जारी कर दिए हैं. Covid-19 के संबंध में बार-बार उठने वाले सवालों (FAQ) में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि कर्जदार कर्ज देने वाले संस्थानों के सामने हल के लिए 1 अर्जी भर देकर यह प्रोसेस शुरू करा सकते हैं.
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ऐसे आवेदनों पर कर्ज देने वाला संस्थान अपने निदेशक मंडल की व्यवस्था के तहत कोई फैसला लेगा.
शुरू की बैंकों ने Loan Restucturing Scheme
बैंकों ने Loan restructuring की सुविधा शुरू कर दी है. बैंक की ब्रांच या ऑनलाइन इस सर्विस का फायदा लिया जा सकता है. बैंक के अधिकारी इसमें आपकी पूरी मदद करेंगे.इस स्कीम के तहत बैंक ग्राहक के लोन का रीपेमेंट शेड्यूल बदल सकेंगे. लोन की अवधि बढ़ाने, पेमेंट हॉलिडे देने का विकल्प रहेगा. होम लोन, एजुकेशन लोन, कार लोन की रीस्ट्रक्चरिंग हो सकती है. गोल्ड लोन, पर्सनल लोन की EMI के लिए विकल्प होंगे. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज भी इसमें शामिल है. ग्राहक की EMI कुछ महीनों के लिए कम हो जाएगी. कुछ महीने तक EMI टल भी सकती है.