भारतीय रिजर्व बैंक यूनियन ने शुक्रवार को गवर्नर ऊर्जित पटेल से अनुरोध किया कि जोखिम आधारित निरीक्षण, कारोबारी गतिविधियों पर बाहर से नजर और शाखाओं की जांच के जरिये बैंकों पर निगरानी रखी जाए.
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मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक यूनियन ने शुक्रवार को गवर्नर उर्जित पटेल से अनुरोध किया कि जोखिम आधारित निरीक्षण, कारोबारी गतिविधियों पर बाहर से नजर और शाखाओं की जांच के जरिये बैंकों पर निगरानी रखी जाए. यूनियन ने गवर्नर को लिखे पत्र में सुझाव दिया कि रिजर्व बैंक को देशभर में चक्रीय आधार पर बैंक शाखाओं का औचक निरीक्षण करना चाहिए. उसने कहा कि वार्षिक आधार पर देश के सभी क्षेत्रों के 10 प्रतिशत बैंक शाखाओं का निरीक्षण किया जाना चाहिए.
यूनियन ने कहा, 'हम अनुरोध करना चाहते हैं कि बैंकों के ऊपर रिजर्व बैंक की निगरानी तीन तरह से- जोखिम आधारित निरीक्षण, कारोबारी गतिविधियों पर बाहर से नजर तथा शाखाओं की जांच के जरिये की जानी चाहिए. हमें लगता है कि पूरी तरह से शाखाओं की जांच पर निर्भर रहने के बजाय ऐसा करने से बेहतर परिणाम सामने आएंगे.'
उसने कहा, 'हमें यह लगता है कि रिजर्व बैंक को न केवल बाहरी सर्वेक्षक के तौर पर बल्कि सक्रिय एवं सजग निरीक्षक के तौर पर मौजूद रहना चाहिए.' पत्र में कहा गया कि रिजर्व बैंक को बैंकों में नये बहाल हुए कंप्यूटर शिक्षित सहायकों को इस निगरानी व्यवस्था में सहयोग के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए. इससे रिजर्व बैंक को अपने मानव संसाधन को फैलाये बिना बेहतर स्थिति पाने में मदद मिलेगी.
यूनियन ने कहा, 'आप (पटेल) ने जोर दिया कि देश भर में फैली करीब 1 लाख 20 हजार बैंक शाखाओं की जांच करना रिजर्व बैंक के लिए संभव नहीं है. यह अविश्वसनीय है.' यूनियन ने पीएनबी घोटाले की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'यदि रिजर्व बैंक को लगता है कि बैंकिंग प्राधिकरण अपने परिचालन एवं जिम्मेदारियों का ध्यान रखने में पर्याप्त जिम्मेदार हैं और रिजर्व बैंक उनके ऊपर आराम से भरोसा कर सकता है तो यह निश्चित कर्तव्य से भागना होगा.'