नई दिल्ली : केंद्रीय बैंक कर्ज धोखाधड़ी करने वालों को कानून के शिकंजे में लाने के लिये प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आपराधिक जांच सुविधा को लेकर वित्त मंत्रालय के साथ काम कर रहा है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर आर गांधी ने यह जानकारी दी है।
गांधी ने कल यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि धोखाधड़ी पर लगाम लगाने का मतलब है कि सभी संबद्ध पक्षों द्वारा कार्रवाई करना जिसमें किसी कोई भी पहलू अनछुआ नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, ‘एक पहलू धोखाधड़ी को अंजाम देने के तुंरत बाद प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आपराधिक जांच के बाद ऐसे लोगों को कानून के दायरे में लाना है।’
गांधी ने कहा, ‘इसे आसान बनाने तथा जांच शुरू करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिये रिजर्व बैंक वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है और समन्वित कार्रवाई शुरू की गयी है।’ उन्होंने कहा कि बैंकों को धोखाधड़ी खासकर कर्ज धोखाधड़ी रोकने के लिये मूल्यांकन प्रक्रिया को मजबूत बनाना चाहिए क्यांेकि इससे कई आवंछित या गड़बड़ प्रस्तावों को अलग किया जा सकेगा जो अंत में धोखाधड़ी का रूप लेते हैं।