रिलायंस ने 243 करोड़ रुपए में गोल्डमैन साक्श इंडिया का अधिग्रहण किया
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रिलायंस ने 243 करोड़ रुपए में गोल्डमैन साक्श इंडिया का अधिग्रहण किया

अनिल अंबानी की अगुवाई वाले समूह रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट (आरसीएएम) ने वैश्विक कंपनी गोल्डमैन साक्श के भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार का 243 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की बुधवार को घोषणा की। सौदा पूरी तरह नकद होगा। सौदे के तहत आरसीएएम 7,132 करोड़ रुपये की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति के साथ गोल्डमैन साक्श की सभी 12 म्यूचुअल फंड योजनाओं का अधिग्रहण करेगी। 

रिलायंस ने 243 करोड़ रुपए में गोल्डमैन साक्श इंडिया का अधिग्रहण किया

मुंबई: अनिल अंबानी की अगुवाई वाले समूह रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट (आरसीएएम) ने वैश्विक कंपनी गोल्डमैन साक्श के भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार का 243 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की बुधवार को घोषणा की। सौदा पूरी तरह नकद होगा। सौदे के तहत आरसीएएम 7,132 करोड़ रुपये की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति के साथ गोल्डमैन साक्श की सभी 12 म्यूचुअल फंड योजनाओं का अधिग्रहण करेगी। 

इस अधिग्रहण के साथ रिलायंस म्यूचुअल फंड सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (सीपीएसई) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की एकमात्र कोष प्रबंधक बन जाएगी। आरसीएएम की मूल कंपनी रिलायंस कैपिटल ने एक बयान में कहा कि दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों ने सौदे को मंजूरी दे दी है और इसके चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की वित्तीय सेवा इकाई है। कंपनी बीमा, ब्रोकरेज और संपत्ति प्रबंधन समेत अन्य क्षेत्र में काम कर रही है।

गोल्डमैन साक्श को पिछले साल सीपीएसई ईटीएफ के प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली थी। सरकार ने इसके जरिये विनिवेश कार्यक्रम के तहत 10 केंद्रीय उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर अब तक 4,000 करोड़ रपये जुटाये हैं।  इस सौदे से जहां एक तरफ आरसीएएम की स्थिति मजबूत होगी वहीं 13 लाख करोड़ रूपये के भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग से एक और विदेशी कंपनी बाहर हो रही है। 

आरसीएएम रिलायंस म्यूचुअल फंड का परिचालन करती है और उसकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें म्यूचुअल फंड, पेंशन कोष आदि शामिल हैं। गोल्डमैन साक्श ने भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में 2011 में बेंचमार्क म्यूचुअल फंड का 120 करोड़ रपये में अधिग्रहण कर कदम रखा था। पिछले कुछ साल में कई विदेशी कंपनियां भारतीय म्यूचुअल फंड कारोबार से बाहर हुई हैं। इससे पहले, स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने 2008 में भारत में अपना म्यूचुअल फंड कारोबार आईडीएफसी को बेचा था। फिडेलिटी ने 2012 में अपना म्यूचुअल फंड कारोबार एल एंड टी फाइनेंस को बेचा था जबकि पिछले साल एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने मोर्गन स्टेनले के भारतीय म्यूचुअल फंड कारोबार को खरीदा था। इसके अलावा, बिड़ला सनलाइफ ने आईएनजी म्यूचुअल फंड, कोटक एमएफ ने पिने ब्रिज म्यूचुअल फंड को खरीदा तथा प्रामेरिका ने ड्यूश्चे बैंक के भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार को खरीदा।

देश में अभी 40 म्यूचुअल फंड कंपनियां हैं जिनकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 133 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। दोनों कंपनियों के बयान के अनुसार, ‘रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट ईटीएफ समेत जीएसएएम इंडिया के भारत में म्यूचुअल फंड योजनाओं को 243 करोड़ रुपये (3.75 करोड़ डॉलर) में खरीदेगी।  बयान में कहा, ‘सौदा चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है जो जरूरी नियामकीय मंजूरी पर निर्भर है।’ रिलायंस कैपिटल के कार्यकारी निदेशक सैम घोष ने कहा, ‘आरसीएम द्वारा यह अधिग्रहण अपने कारोबार को चुनिंदा अधिग्रहण के जरिये मजबूत करने की रणनीति की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है। जीएसएम इंडिया के पास अच्छी योजनाएं और प्रतिभाशाली टीम है। हमें विश्वास है कि साथ मिलकर वे एक-दूसरे के पूरक होंगे..।’ 

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