15 राज्यों में अब Business करना और आसान, कारोबारियों को हर साल Renew नहीं कराना पड़ेगा License
Advertisement

15 राज्यों में अब Business करना और आसान, कारोबारियों को हर साल Renew नहीं कराना पड़ेगा License

कारोबारियों के हित में मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब 15 राज्यों में हर साल लाइसेंस का नवीनीकरण (License Renew) कराने का झंझट खत्म हो गया है. इसका मतलब ये होगा कि अब एक बार लाइसेंस लेने के बाद हर साल उसे रिन्यू नहीं कराना होगा.

 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में और आगे बढ़ा देश

दिल्ली: कारोबार के साथ-साथ लाइसेंस रिन्यू कराना कारोबारियों के लिए बड़ी दिक्कत की बात होती थी लेकिन अब इसे मोदी सरकार ने बाय-बाय कर दिया है. मोदी सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (EODB) सुधारों के तहत 15 राज्यों को बड़ी छूट दे दी है. इसका मतलब ये होगा कि कारोबारियों को हर साल लाइसेंस रिन्यू कराने की जरूरत नहीं होगी.

  1. अब बिजनेस करना और आसान
  2. 15 राज्यों में लाइसेंस का झंझट खत्म
  3. कारोबारियों को बड़ी राहत

अब लाइसेंस रिन्यू कराने का झंझट नहीं

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने बताया है कि हाल ही में गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) सुधारों को पूरा करने की सूचना दी है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) की तरफ से हरी झंडी मिलने पर इन राज्यों को खुले बाजार से अतिरिक्त कर्ज जुटाने की इजाजत दे दी गई है. इससे पहले आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी सुधारों के पूरा होने की सूचना दी थी, जिसके बाद उन्हें छूट पहले ही दे दी गई है. कुल मिलाकर इसका मतलब ये होगा कि बार-बार लाइसेंस रिन्यू कराने वाली दिक्कत अब नहीं होगी. सुधार के तहत हर साल रिन्युअल प्रणाली को खत्म कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: सैलरीड क्लास के लिए खुशखबरी, इस साल बढ़ेगी बंपर सैलरी! सर्वे का खुलासा- कई सेक्टर्स करेंगे डबल डिजिट में इंक्रीमेंट

अतिरिक्त लोन भी जुटा सकेंगे राज्य

जिन 15 राज्यों को लाइसेंस सिस्टम से छूट दी गई है, उन 15 राज्यों को और भी फायदे होंगे. मोदी सरकार ने 38,088 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन जुटाने की सभी राज्यों को दे दी है. कोरोना काल में राज्यों को यह पेशकश की गई थी. इसके अलावा ईओडीबी सुधार प्रक्रिया पूरा करने वाले राज्यों को कंप्यूटरीकृत केंद्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली को लागू करना होगा. अधिनियमों के तहत जहां निरीक्षकों की तैनाती केंद्रीय रूप से होती है. किसी भी प्रकार की जांच से पहले कारोबारी को सूचना दी जाएगी और निरीक्षण के 48 घंटों के अंदर रिपोर्ट अपलोड करना जरूरी होगा. इस तरह से कारोबारियों  के साथ-साथ संबंधित विभाग की भी काफी दिक्कतें खत्म हो जाएंगी.

LIVE TV:
 

 

Trending news