रेपो रेट में चौथाई फीसदी कटौती कर सकता है रिजर्व बैंक: एसबीआई रिसर्च
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रेपो रेट में चौथाई फीसदी कटौती कर सकता है रिजर्व बैंक: एसबीआई रिसर्च

खाद्य मुद्रास्फीति में कमी, बैंकों की ओर से नीतिगत दरों में कटौती का उल्लेखनीय हिस्सा ग्राहकों को देने और मॉनसून के फैलाव जैसे कारणों से रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकता है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि ब्याज दरों को प्रभावित करने वाली तीनों शर्तें इस समय पूरी हो रही हैं।

रेपो रेट में चौथाई फीसदी कटौती कर सकता है रिजर्व बैंक: एसबीआई रिसर्च

नई दिल्ली: खाद्य मुद्रास्फीति में कमी, बैंकों की ओर से नीतिगत दरों में कटौती का उल्लेखनीय हिस्सा ग्राहकों को देने और मॉनसून के फैलाव जैसे कारणों से रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकता है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि ब्याज दरों को प्रभावित करने वाली तीनों शर्तें इस समय पूरी हो रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, "खाद्य मुद्रास्फीति में कमी, नीतिगत दरों में कटौती का उल्लेखनीय हस्तांतरण और सामान्य या अधिशेष मॉनसून के देश में 64 फीसदी क्षेत्र तक फैलाव से रेपो दर में कम से कम 0.25 फीसदी कटौती हो सकती है है। केंद्रीय बैंक इस साल तीन किश्तों में ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की कटौती कर चुका है। रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक समीक्षा 29 सितंबर को आनी है।

हालांकि इस साल तीन में से दो बार रेपो दर में कटौती मौद्रिक समीक्षा बैठक से अलग की गई। पिछली मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने संभावित कटौती के लिए तीन चीजों की जरूरत का संकेत दिया था। इसके अलावा फेडरल रिजर्व बैंक के बयान से भी नीतिगत मोर्चे पर रिजर्व बैंक के लिए कटौती की गुंजाइश बनी है।

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