खाद्य वस्तुएं महंगी होने से खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5% पर पहुंची
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खाद्य वस्तुएं महंगी होने से खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5% पर पहुंची

फल एवं सब्जी समेत कुछ खाद्य वस्तुएं महंगी होने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2014 में मामूली रूप से बढ़कर 5% पर पहुंच गई।

खाद्य वस्तुएं महंगी होने से खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5% पर पहुंची

नई दिल्ली : फल एवं सब्जी समेत कुछ खाद्य वस्तुएं महंगी होने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2014 में मामूली रूप से बढ़कर 5% पर पहुंच गई।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में 4.38% थी। जनवरी 2012 नई सीरीज के आंकड़ों की गणना शुरू होने के बाद यह सबसे निम्न स्तर था। दिसंबर 2013 में खुदरा मुद्रास्फीति 9.87% थी।

खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने के बावजूद विश्लेषकों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक फरवरी में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर में कमी कर सकता है। रिजर्व बैंक दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा तीन फरवरी को पेश करने वाला है। यहां सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.78% हो गयी जो इससे एक माह पूर्व 3.14% थी।

सब्जियों की खुदरा कीमतें दिसंबर महीने में 0.58% बढ़ी जबकि नवंबर में इसमें 10.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। फल आलोच्य महीने में 14.84 प्रतिशत महंगा हुआ इससे पूर्व महीने में इसमें 13.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खाद्य एवं पेय पदार्थ (बेवरेजेज) की श्रेणी में आने वाले जिंसों के दाम दिसंबर, 2014 में एक साल पहले की तुलना में 5% बढ़े जबकि इससे पिछले महीने इसमें वृद्धि दर 3.5% थी।

वहीं दूसरी तरफ अंडा, मछली और मासं जैसी अधिक प्रोटीन वाली खाने की चीजों की मुद्रास्फीति आलोच्य महीने में घटकर 5.24% पर आ गयी जो इससे पूर्व महीने में 6.48% थी। तेल एवं वसा की कीमतों में भी दिसंबर महीने में सालाना आधार पर 1.24% की गिरावट आयी जबकि नवंबर में इनमें 0.83 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी।

स्टैनचसर्ट बैंक के शोध प्रमुख एस चक्रवर्ती ने कहा, हमारा मानना है कि फरवरी में पेश होने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीमि समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर में कमी की जा सकती है। लेकिन साथ ही मैं इसके साथ एक शर्त जोड़ना चाहूंगा कि रिजर्व बैंक गवर्नर ने पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में पूर्व शर्तें रखी थी लेकिन मेरी ज्यादा चिंता 2015-16 के बजट को लेकर है। उन्होंने कहा, लेकिन अगर केवल मुद्रास्फीति की बात की जाए तो मेरे हिसाब से नीतिगत दरों में कटौती का समय आ गया है। अन्य वस्तुओं में अनाज तथा उनके उत्पादों की मुद्रास्फीति दिसंबर, 2014 में घटकर 3.98% पर आ गयी जो इससे पूर्व महीने में 5.2% थी।

दलहन एवं उसके उत्पादों की श्रेणी में खुदरा मुद्रास्फीति आलोच्य महीने में 7.24 प्रतिशत थी जो नवंबर में 7.54% थी। ईंधन एवं प्रकाश से जुड़ी वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर, 2014 में नरम होकर 3.41% रही। दूध एवं उसके उत्पादों के मामले में महंगाई दर 9.62% रही जो एक महीने पहले 10.24% थी। गैर-अल्कोहल पेय पदाथरें की मइंगाई दर आलोच्य महीने में 5.95% थी जो इससे पूर्व महीने में 5.75% थी।

चीनी के दाम में दिसंबर में 0.84% की कमी आयी। इससे पूर्व नवंबर में भी इसमें 0.28% की गिरावट आयी थी। आलोच्य महीने में देश के शहरी भागों में उपभोक्ता मुद्रास्फीति बढ़कर 5.32% हो गयी जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह 4.71% थी। इससे पूर्व महीने में यह शहरी क्षेत्र के लिये 4.69% तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिये 4.09% थी।

 

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