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नई दिल्ली : सहारा समूह ने जेल में बंद अपने मुखिया सुब्रत राय की रिहाई के लिए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में एक नई अर्जी दायर की। इस पर न्यायालय ने कहा कि उनकी रिहाई हेतु धन की व्यवस्था के लिये विदेशों में तीन होटलों की बिक्री के लिये बातचीत की प्रक्रिया में शामिल व्यक्तियों की असलियत साबित की जाये।
सुब्रत राय निवेशकों की 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक धनराशि नहीं लौटाने के कारण चार मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं। न्यायालय ने उनसे कहा था कि जमानत के लिये दस हजार करोड रुपए का भुगतान किया जाये। उन्हें पांच हजार करोड़ रुपए नकद और इतनी ही राशि की बैंक गारंटी देनी थी।
पहले 3117 करोड़ रुपए की व्यवस्था करके उसे सेबी के यहां जमा करा चुके सहारा समूह की ओर से न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष कहा गया कि घरेलू नौ संपत्तियों में से उसने अहमदाबाद में एक संपत्ति बेचकर 411.82 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। यह रकम बाजार नियामक के खाते में चली गयी है।
इस पृष्ठभूमि में सहारा के वकील एस गणेश ने कहा कि शुरुआती विफलताओं के बाद अब उसे विदेशों में स्थित अपने तीन होटलों न्यूयार्क स्थित ड्रीम डाउनटाउन और द प्लाजा तथा लंदन स्थित ग्रासवेनर हाउस को बेचने के प्रयास में कुछ सफलता मिली है। इसके लिये उसे कर्ज और कुछ दूसरे लेन देन की कुछ ‘शर्तो में’ संशोधन करने की आवश्यता है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन होटलों में भागीदारी खरीदने के लिये कर्ज देने वाले बैंक ऑफ चाइना ने इससे जुड़ा मुद्दा उठाया जिसकी वजह से सहारा ने इस कर्ज के अधिग्रह के लिये एक अन्य कंपनी से समझौता किया है। वकील ने यह भी कहा कि त्रिपक्षीय समझौता होने वाला है जिससे ‘जूनियर’ कर्जदाता कहीं अधिक ऊंची ब्याज दर पर कर्ज देगा और यदि यह सौदा सफल हो गया तो इससे 650 मिलयन डॉलर (करीब 3600 करोड़ रुपए) का बंदोबस्त हो जायेगा।