नई दिल्ली: अगर सरकार चाहती तो आपको हर महीने अपनी सैलरी का मैसेज WhatsApp पर मिलता, लेकिन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने अपने इस प्लान को टाल दिया है. दरअसल, सरकार ने नए लेबर कोड में (New Labour Code) में इसकी व्यवस्था की थी, जिसके जरिए कर्मचारियों को सैलरी से जुड़ी जानकारियां WhatsApp पर मिलने वाली थीं.  


नए ड्राफ्ट में हटेगा WhatsApp का प्रावधान


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Mint ने अपनी एक रिपोर्ट में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा के हवाले से इस कमी को दूर किए जाने की जानकारी दी है. ये बताया गया है कि वेज कम्युनिकेशन ड्राफ्ट से सोशल मीडिया और वॉट्सऐप को हटाया जाएगा. आपको बता दें कि नया लेबर कोड इस साल अप्रैल से लागू होने वाला है. 


श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने मिंट से कहा, ‘हम इस हिस्से को संशोधित करेंगे. हमें अपने कर्मचारियों की निजता की चिंता है. जल्द ही इस ड्राफ्ट को फाइनल किया जाएगा और आप देख सकेंगे कि इसमें WhatsApp समेत सोशल मीडिया का प्रावधान नहीं होगा.’ इसके पहले श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने प्रस्ताव दिया था कि ‘वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया’ को सैलरी संबंधी जानकारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.


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WhatsApp की पॉलिसी ने बढ़ाई थी चिंता 


सरकार का ये फैसला तब आया है जब WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर गरमागरम बहस हो चुकी है और WhatsApp इस पर अपनी सफाई भी पेश कर चुका है. बाजवूद इसके ये चिंता यूजर्स के मन में है कि WhatsApp उनका डेटा फेसबुक पर शेयर करेगा. यूजर्स को डर है कि उनकी संवेदनशील जानकारियां फेसबुक के पास चली जाएंगी जिससे उनकी प्राइवेसी पर खतरा मंडराने लगेगा. 


पहले ये था प्रावधान 


ड्राफ्ट में पहले ये कहा गया था कि ‘वर्कर्स को मेहनताना समेत सभी तरह के पेमेंट इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या डिजिटल माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा. इस पेमेंट की जानकारी उन्हें मैसेजिंग सर्विस या ई-मेल या वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया कम्युनिकेशन या स्लिप जारी कर दी जाएगी.’ 


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