कोरोना काल में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है. ऐसे में भारतीय स्टेट बैंक ने भी अपने ग्राहकों के लिए अलर्ट जारी किया है.
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नई दिल्लीः कोरोना काल में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है. ऐसे में भारतीय स्टेट बैंक ने भी अपने ग्राहकों के लिए अलर्ट जारी किया है. बैंक का कहना कि अकेले मार्च महीने में फ्रॉड के जरिए खाता खाली होने की घटनाओं में 667 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. बर्राककुडा नेटवर्क के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 थीम पर आधारित तीन तरह के फिशिंग हमले देखे गए हैं. ये हैं स्कैमिंग, ब्रांड इम्पर्सनेशन और बिजने ईमेल से छेड़छाड़ करना. इसके अलावा एटीएम क्लोनिंग की घटनाओं में भी इजाफा देखने को मिला है.
ज्यादातर लोग कर रहे हैं इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग
कोरोनावायरस के चलते अभी ज्यादातर लोग डिजिटल माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे में डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए बैंक भी अपनी तरफ से उपाय कर रहे हैं. खासतौर पर महानगरों में फिशिंग के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर अपराधी भी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर ग्राहकों की इंटरनेट बैंकिंग डिटेल को हथियाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी को देखते हुए एसबीआई ने अपनी वेबसाइट पर एक अतिरिक्त फीचर ग्राहकों की सुरक्षा के लिए तैयार किया है.
शुरू हुआ लॉक-अनलॉक फीचर
बैंक ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट ऑनलाइनएसबीआई.कॉम पर लिखा है कि ग्राहक अपने इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को कभी भी लॉक-अनलॉक कर सकते हैं. यह सुविधा ग्राहकों को नेटबैंकिंग की वेबसाइट पर उपलब्ध लॉगिन पेज पर दी गई है. हालांकि इस सुविधा का लाभ केवल बैंक के रिटेल ग्राहक ही ले सकते हैं.
ऐसे उठा सकते हैं इस सुविधा का लाभ
हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि नेट बैंकिंग सुविधा को अनलॉक करने के लिए आपको अपनी होम ब्रांच पर जाना होगा. अनलॉक कराने के लिए किसी तरह का कोई चार्ज बैंक की तरफ से नहीं लिया जाएगा.