भारतीय स्टेट बैंक और जिओ ने साथ मिलकर जिओ भुगतान बैंक बनाया है. इसमें जिओ की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है और शेष 30 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय स्टेट बैंक के पास है.
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मुंबई : भारत अब डिजिटल इंडिया बन रहा है. नए भारत में डिजिटल कारोबार की अपार संभावनाएं हैं. इन्हीं संभावनाओं को कैश करने के लिए देश की दो दिग्गज कंपनियों ने हाथ मिलाया है. बैंकिंग की दुनिया में भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई और मोबाइल नेटवर्किंग की दुनिया के बादशाह कहे जाने वाले रिलायंस जियो ने डिजिटल ग्राहकों का एक नया बाजार खड़ा करने के लिए करार किया है.
भारतीय स्टेट बैंक और रिलायंस जिओ ने आपसी भागीदारी का विस्तार करते हुये इसे डिजिटल भुगतान में भी शुरू किया है. इससे देश के सबसे बड़े बैंक को डिजिटल ग्राहकों की संख्या कई गुना बढ़ाने में मदद मिलेगी. दोनों पहले से ही भुगतान बैंक उपक्रम में भागीदार हैं.
भारतीय स्टेट बैंक और जिओ ने साथ मिलकर जिओ भुगतान बैंक बनाया है. इसमें जिओ की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है और शेष 30 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय स्टेट बैंक के पास है. हालांकि, लाइसेंस मिलने के दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसका परिचालन शुरू नहीं हो सका है.
स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने जारी संयुक्त बयान में कहा, ‘हम जिओ के साथ भागीदारी से उत्साहित हैं. तालमेल के सभी क्षेत्र दोनों के लिए लाभदायक हैं और इससे एसबीआई के ग्राहकों के लिए डिजिटल सेवाएं बेहतर होंगी.’
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, ‘एसबीआई के उपभोक्ताओं का दायरा अतुल्य है. जिओ अपने और एसबीआई के उपभोक्ताओं की सभी जरूरतों की पूर्ति के लिए डिजिटल सेवाओं को तेज करने हेतु खुदरा संरचना के साथ ही अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
(इनपुट भाषा से)