दिल्ली-नोएडा DND टोल फ्री रहेगा, सुप्रीम कोर्ट ने कैग से 4 हफ्ते में ऑडिट करने का दिया आदेश
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दिल्ली-नोएडा DND टोल फ्री रहेगा, सुप्रीम कोर्ट ने कैग से 4 हफ्ते में ऑडिट करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और पड़ोसी नोएडा को जोड़ने वाला डीएनडी फ्लाईवे यात्रियों के लिए टोल फ्री रहेगा। शीर्ष अदालत ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया जिसमें नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड के उपकर लगाने पर रोक लगा दी गई थी।

दिल्ली-नोएडा DND टोल फ्री रहेगा, सुप्रीम कोर्ट ने कैग से 4 हफ्ते में ऑडिट करने का दिया आदेश

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और पड़ोसी नोएडा को जोड़ने वाला डीएनडी फ्लाईवे यात्रियों के लिए टोल फ्री रहेगा। शीर्ष अदालत ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया जिसमें नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड के उपकर लगाने पर रोक लगा दी गई थी। न्यायमूर्ति जे एस खेहर और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से डीएनडी फ्लाईवे परियोजना की लागत की जांच करने और उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट भी सौंपने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘हमने सीएजी से अनुरोध किया है कि वह परियोजना की लागत की जांच करे।’ पीठ ने कहा, ‘हम कोई भी राहत देने से मना करते हैं।’ शीर्ष अदालत ने 28 अक्तूबर को कंपनी को टोल वसूलने से रोकने वाले उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि वह दीपावली की छुट्टियों के बाद निर्देश देगी। उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग करने वाली टोल वसूलने वाली कंपनी की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘आपने सिर्फ 10 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाया है और आप दावा करते हैं कि आपने चंद्रमा तक सड़क बना दी है-आपने अच्छा किया है लेकिन कुछ महान नहीं किया है।’

फर्म ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने सभी पहलुओं पर गौर नहीं किया और निर्माण लागत पर ब्याज, मूल्य ह्रास और रख-रखाव खर्च जैसे कारकों पर सही तरीके से विचार नहीं किया गया। यह लागत प्रति दिन तकरीबन 12.5 लाख रुपये आती है। उच्च न्यायालय ने 26 अक्तूबर को अपने फैसले में कहा था कि अब से 9.2 किलोमीटर लंबे आठ लेन वाले डीएनडी फ्लाईवे का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को कोई टोल नहीं देना होगा। इस फैसले से लाखों यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। उच्च न्यायालय ने यह आदेश फेडरेशन ऑफ नोएडा रेसीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की जनहित याचिका पर दिया था।

 

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