Sensex में 463 अंकों की भारी गिरावट, इन 5 कारणों से बाजार बेहाल
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Sensex में 463 अंकों की भारी गिरावट, इन 5 कारणों से बाजार बेहाल

सेंसेक्स में 463 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स 37018 पर बंद हुआ. निफ्टी 105 अंकों की गिरावट के साथ 11 हजार के नीचे 10980 पर बंद हुआ.

फाइल फोटो.
फाइल फोटो.

नई दिल्ली: करीब 11 सालों बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 31 जुलाई को बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट में 25 प्वाइंट्स की कटौती का ऐलान किया. निवेशकों और बाजार को जिसकी उम्मीद थी वह पूरा हुआ. लेकिन, कुछ समय बद फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं से इनकार किया जिसकी वजह से निवेशकों का मनोबल टूटा. इसका असर वैश्विक दिखा.

भारतीय बाजार पर भी इसका असर देखने को मिला. सेंसेक्स में 463 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स 37018 पर बंद हुआ. निफ्टी 105 अंकों की गिरावट के साथ 11 हजार के नीचे 10980 पर बंद हुआ. कारोबारी सत्र के दौरान दोपहर करीब 12.10 बजे सेंसेक्स 498.7 अंक की गिरावट के साथ 40 हजार के नीचे 36982.42 पर पहुंच गया था.

मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक बाजार में गिरावट की ये प्रमुख वजहें हैं

1. अमेरिकी फेडरल की कमेंट्री से अमेरिकी बाजारों में बुधवार को भारी बिकवाली रही. फेड चेयरमैन पॉवेल ने 25 प्वाइंट्स बेंचमार्क रेट घटाने का ऐलान तो किया, लेकिन उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसमें और ज्यादा कटौती की संभावना नहीं है जिससे निवेशकों का मनोबल टूटा.

2. भारतीय बाजार में फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (FPIs) लगातार बिकवाली कर रहे हैं. वे सरचार्ज में राहत की उम्मीद कर रहे थे जिसका ऐलान बजट में नहीं किया गया. जुलाई महीने में FPI ने करीब 16000 करोड़ रुपये निकाले. 

3: अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार जारी है. संबंध बेहतर होने की संभावना भी नहीं लग रही है. बुधवार को शंघाई में अमेरिका और चीन की बैठक समय से पहले ही खत्म हो गई. दोनों देश बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने को तैयार नहीं दिख रहे हैं.

4. ऑटो सेक्टर बेहाल है. यह सेक्टर पिछले कई सालों के सबसे बुरे दौरा से गुजर रहा है. बिक्री में 30-40 फीसदी तक कमी आई है. मांग में सुस्ती आगे भी बरकरार रहने की संभावना है. जुलाई में मारुति की बिक्री 33.5% और महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) की बिक्री 15% गिरी. 8 कोर सेक्टर की ग्रोथ जून में गिरकर 0.2% पर पहुंच गई. 

5. कंपनियों के तिमाही नतीजे मिले जुले हैं. मैनेजमेंट कमेंट्री से निराशा है. रिलायंस, ICICI बैंक, एशियन पेंट्स, HUL जैसी दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहे हैं. बैंकिंग सेक्टर की भी हालत ठीक नहीं है.

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