नए फाइनेंशियल ईयर में बाजार गुलजार, सेंसेक्स बढ़कर रिकॉर्ड लेवल पर
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नए फाइनेंशियल ईयर में बाजार गुलजार, सेंसेक्स बढ़कर रिकॉर्ड लेवल पर

शेयर बाजारों में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी आयी और बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 185 अंक की तेजी के साथ 39,056 अंक के अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ.

नए फाइनेंशियल ईयर में बाजार गुलजार, सेंसेक्स बढ़कर रिकॉर्ड लेवल पर

मुंबई : शेयर बाजारों में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी आयी और बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 185 अंक की तेजी के साथ 39,056 अंक के अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 11,700 के स्तर से ऊपर बंद हुआ. रिजर्व बैंक के नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से मुख्य रूप से वाहन, आईटी तथा बैंक शेयरों की लिवाली से बाजार में तेजी आई. सेंसेक्स को गति देने में लगातार दूसरे दिन टाटा मोटर्स की अहम भूमिका रही. कंपनी का शेयर 8 प्रतिशत से अधिक मजबूत हुआ.

एसबीआई के शेयर में तेजी
तेजी दर्ज करने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में भारती एयरटेल, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक तथा भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं. इसमें 5 प्रतिशत तक की तेजी आई. वहीं दूसरी तरफ मुनाफावसूली के कारण बजाज ऑटो, सन फार्मा, वेदांता, टाटा स्टील, एचसीएल टेक और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में बिकवाली दबाव देखा गया. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बढ़त के साथ 38,988.57 अंक पर खुला. कारोबार के दौरान यह रिकार्ड 39,121.69 अंक तक चला गया. निचले स्तर पर यह 38,846.96 अंक तक आय. अंत में यह 184.78 अंक यानी 0.48 प्रतिशत की तेजी के साथ 39,056.65 अंक पर बंद हुआ.

रेपो रेट में गिरावट की उम्मीद
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 44.05 अंक यानी यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,713.20 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 11,711.55 से 11,729.20 अंक के दायरे में रहा. नए वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई. जानकार रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं.

निवेशकों को आरबीआई की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक को लेकर गंभीर है. विशेषज्ञों को भरोसा है कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी रही. इसके अलावा घरेलू बाजार का मजबूत वैश्विक धारणा का भी प्रभाव पड़ा है. चीन और अमेरिका में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी से निवेशकों में उत्साह है. वैश्विक वृहत आर्थिक तस्वीर में सुधार के मजबूत संकेत के बीच वाल स्ट्रीट में तेजी का असर एशियाई शेयर बाजारों पर पड़ा.

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