कोरोना वायरस का असर अब हवाई कंपनियों पर दिखने लगा है. फ्लाइट्स का परिचालन बंद होने से अब कंपनियों के पास इतनी भी नकदी नहीं है कि वो अपने कर्मचारियों को सैलरी भी दे सकें.
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नई दिल्लीः कोरोना वायरस का असर का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा है. एयरलाइंस कंपनियों पर भी आर्थिक संकट मंडराने लगा है. फ्लाइट्स का परिचालन बंद होने से अब कंपनियों के पास इतनी भी नकदी नहीं है कि वो अपने कर्मचारियों को सैलरी भी दे सकें. देश की प्रमुख एयरलाइंस में शुमार स्पाइसजेट ने बुधवार को ऐलान किया है कि वो अपने पायलटों को दो माह की सैलरी नहीं देगी. केवल उन्हीं पायलटों को घंटे के हिसाब से भुगतान किया जाएगा, जो कार्गो फ्लाइट्स का परिचालन कर रहे हैं.
16 फीसदी विमानों का परिचालन
स्पाइसजेट के फ्लाइट ऑपरेशन चीफ गुरुचरन अरोड़ा ने पायलटों को एक ई-मेल भेजकर कहा है कि आज की तारीख में केवल 16 फीसदी विमान और 20 फीसदी पायलट उड़ रहे हैं. इसके लिए कंपनी अपने पांच कार्गो विमान और यात्री विमानों की सीट का इस्तेमाल भी कार्गो रखने के लिए कर रहा है. कंपनी के पास फिलहाल 116 विमान और पांच मालवाहक विमान है.
25 मार्च से है लॉकडाउन
देशभर में कोरोना वायरस के चलते 25 मार्च से लॉकडाउन है. इसके चलते सभी प्रकार के यात्री विमानों का परिचालन पूरी तरह से बंद है. अरोड़ा ने आगे अपने मेल में लिखा है कि पायलटों को अप्रैल और मई 2020 में किसी तरह का कोई वेतन नहीं मिलेगा. जो पायलट मालवाहक विमानों का परिचालन कर रहे हैं, उनको प्रति घंटे के हिसाब से वेतन मिलेगा. इसके अलावा कंपनी ने लिखा है कि अगर आने वाले वक्त में लॉकडाउन बढ़ता है तो फिर वो मालवाहक विमानों को 50 फीसदी तक बढ़ा देंगे. इसके साथ ही सभी पायलटों को विमानों को उड़ाने के लिए बुलाया जाएगा.
12 हजार को बाहर करेगी ब्रिटिश एयरवेज
ब्रिटिश एयरवेज (British Airways) रीस्ट्रक्चरिंग के तहत 12,000 नौकरियों को खत्म करने के लिए तैयार है. ब्रिटिश एयरवेज की पैरेंट कंपनी आईएजी ने ये बात कही है. फर्म ने कहा कि वह विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा था लेकिन संभावना है कि इससे ब्रिटिश एयरवेज के अधिकांश कर्मचारी प्रभावित होंगे और ये संख्या 12,000 तक हो सकती है.
यात्रियों की मांग को 2019 के स्तर पर लौटने में ही कई साल लगेंगे. प्राथमिक नतीजों में ही इंटरनेशनल एयरलाइंस ग्रुप (IAG) ने 2.2 फीसदी शेयर खो दिए हैं. ये कंपनी Iberia और Vueling की भी मालिक है. पहली तिमाही का राजस्व भी 13 प्रतिशत घटकर 4.6 बिलियन यूरो (4.9 बिलियन अमरीकी डॉलर) हो गया है. पहले ही इस ग्रुप का ऑपरेटिंग रिजल्ट 535 मिलियन यूरो के नुकसान में आया था, जबकि पिछले साल इसे 135 मिलियन का लाभ हुआ था. अब इसके दूसरी तिमाही के बदतर होने की उम्मीद है.