हितेश पटेल को 20 मार्च को अल्बानिया के तिराना में गिरफ्तार किया गया.
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नई दिल्ली: स्टर्लिंग बायोटेक समूह के 8,100 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी हितेश पटेल को अल्बानिया में हिरासत में ले लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी इंटरपोल नोटिस के बाद पटेल को हिरासत में लिया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि पटेल को अल्बानिया के विधि प्रवर्तन अधिकारियों ने 20 मार्च को तिराना में गिरफ्तार किया.
अधिकारियों ने कहा कि पटेल इस मामले में एक आरोपी है. वह मामले के मुख्य आरोपियों संदेसरा भाइयों नितिन एवं चेतन संदेसरा का रिश्तेदार है. उन्होंने कहा कि पटेल को जल्द भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है. प्रवर्तन निदेशालय ने पटेल के खिलाफ 11 मार्च को इंटरपोल नोटिस जारी किया था. अधिकारियों ने बताया कि पटेल संदेसरा की छद्म कंपनियों के लिए ‘डमी’ निदेशक लाने का काम करता था.
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CBI ने 2017 में इसका मामला दर्ज किया था. मामले के अन्य दोनों आरोपियों के खिलाफ PMLA कोर्ट नॉन बेलेवल वारंट जारी कर चुकी है. पिछले साल कार्रवाई करते हुए ED ने करीब 4700 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया था. संदेसरा ब्रदर्स की 4000 एकड़ जमीन, प्लांट की मशीनें, 200 बैंक अकाउंट, प्रोमोटर्स के अकाउंट्स, 6.67 करोड़ के शेयर और कई लग्जरी कार को अटैच की थी.
गलत दस्तावेजों के आधार पर लिया बैंकों से लोन
संदेसरा ब्रदर्स ने गलत दस्तावेज के आधार पर बैंकों से लोन लिए जिसे नहीं चुकाया गया और यह धीरे-धीरे NPA हो गया. लोक की राशि 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा थी. आंध्रा बैंक के कंजोर्टियम द्वारा लोन को सैंक्शन किया गया था. कंजोर्टियम में यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल थे.
(इनपुट-भाषा से भी)