बालकृष्णन को सरकारी बैंक एकाउंट विभाग का प्रमुख बनाया गया है. यह विभाग भुगतान और टैक्स वसूली से जुड़े लेनदेन देखता है.
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नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एनएसडीएल की उपाध्यक्ष सुधा बालकृष्णन को अपना पहला मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 3 साल का होगा. आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के बाद बालकृष्णन की पहली सबसे बड़ी नियुक्ति है. चार्टर्ड एकाउंटेंट सुधा अभी तक नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड की उपाध्यक्ष थीं.
आरबीआई द्वारा इस बारे में जारी एक विज्ञापन के मुताबिक, सुधा पर रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिति और बजटीय प्रक्रियाएं के बारे में जानकारी देने की जिम्मेदारी होगी. बैंक की बैलेंस सीट और रिजर्व बैंक में काम करने वाले कर्मचारियों का भविष्य निधी की दर करने की जिम्मेदारी भी उनपर होगी. बालकृष्णन को सरकारी बैंक एकाउंट विभाग का प्रमुख बनाया गया है. यह विभाग भुगतान और टैक्स वसूली से जुड़े लेनदेन देखता है. उनकी नियुक्ति 3 साल के अनुबंध पर होगी और 2 से 4 लाख महीना वेतन मिल सकता है.
बताया जा रहा है कि सीएफओ की नियुक्ति से पहले पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने वित्तीय काम के लिए अलग से किसी की नियुक्ति करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे नामंजूर कर दिया गया था. उर्जित पटेल की नियुक्ति के बाद सीएफओ की नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ था.