जीएसटी परिषद को यह लगेगा की दरें कम करने की जरूरत है तो वह करेगी: सुशील मोदी
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जीएसटी परिषद को यह लगेगा की दरें कम करने की जरूरत है तो वह करेगी: सुशील मोदी

मोदी से पूछा गया था कि क्या जीएसटी परिषद दरों में बार बार बदलाव किये जाने की व्यवसथा को समाप्त करना चाहती है. इस पर उनका जवाब था कि यदि परिषद को लगेगा कि कुछ वस्तुओं की दर बदली जानी चाहिये तो वह निर्णय लेगी.

उद्योग जगत के कुछ लोगों ने जीएसटी दरों में जल्दी जल्दी बदलाव किये जाने पर चिंता जताई थी. (फाइल फोटो)

बेंगलुरु: बिहार के उप-मुख्यमंत्री और जीएसटी नेटवर्क की खामियों को दूर करने के लिये गठित मंत्री समूह के प्रमुख सुशील कुमार मोदी ने शनिवार (16 सितंबर) को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरों में जल्दी जल्दी बदलाव की संभावनाओं को खारिज नहीं किया. उन्होंने कहा कि यदि परिषद को कुछ वस्तुओं की दर में बदलाव की जरूरत महसूस होगी तो वह इस पर निर्णय लेगी. मोदी ने कहा, ‘‘जीएसटी परिषद इस मामले में पूरी तरह सक्षम है और वह जीएसटी दर पर निर्णय ले सकती है. परिषद को यदि लगेगा कि कुछ वस्तुओं की जीएसटी दर में बदलाव किया जाना चाहिये तो वह कदम उठायेगी. परिषद इस पर फैसला लेगी.’’ मोदी से पूछा गया था कि क्या जीएसटी परिषद दरों में बार बार बदलाव किये जाने की व्यवसथा को समाप्त करना चाहती है. इस पर उनका जवाब था कि यदि परिषद को लगेगा कि कुछ वस्तुओं की दर बदली जानी चाहिये तो वह निर्णय लेगी.

उद्योग जगत के कुछ लोगों ने जीएसटी दरों में जल्दी जल्दी बदलाव किये जाने पर चिंता जताई थी. उनका मानना है कि जल्दी जल्दी दरों में बदलाव से उनकी कारोबारी संभावनायें प्रभावित होतीं हैं. हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड ने 12 सितंबर को आटोमोबाइल क्षेत्र की जीएसटी दर में बार बार बदलाव की आलोचना करते हुये कहा था कि सतत और दीर्घकालिक नीति के अभाव में नये उत्पादों और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह ही मध्यम श्रेणी की कारों पर उपकर की दर दो प्रतिशत, बड़ी कारों पर पांच प्रतिशत और एसयूवी पर सात प्रतिशत बढ़ा दी थी.

हसमुख अधिया ने कहा, अब नहीं बढ़ेगी जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तारीख

सरकार ने शनिवार (16 सितंबर) को कारोबारियों द्वारा दाखिल किए जाने वाले जीएसटीआर-3बी कर रिटर्न को जमा कराने की समयसीमा को दिसंबर के बाद आगे और बढ़ाने की संभावना से इनकार किया. एक जुलाई को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने एक आसान जीएसटीआर -3 बी फॉर्म पेश किया है. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा, ‘हमने पहले ही जीएसटीआर-3बी के लिए समय बढ़ाया है. लोगों को स्व- आकलन के आधार पर दिसंबर तक संक्षेप में रिटर्न जमा कराना है. जहां तक जीएसटीआर-3बी का सवाल है दिसंबर के बाद इसमें और विस्तार नहीं दिया जाएगा.’ 

जीएसटी नेटवर्क में आईटी आधारित दिक्कतों पर गौर करने के लिये बिहार के उपमुख्यमुत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह की पहली बैठक के बाद अधिया ने यहां संवाददाताओं से यह बात कही. उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार का इरादा जीएसटी के तहत रिटर्न जमा करने की समयसीमा बढ़ाने का है. इससे पहले जीएसटी परिषद ने कंपनियों को जीएसटीआर-3बी रिटर्न जमा कराने के लिए दिसंबर तक का समय दिया था.

उन्होंने कहा कि जीएसटीएन पोर्टल में दिक्कतों की वजह से सरकार ने पहले समय बढ़ाने का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि जीएसटीआर एक फार्म जमा कराने की समयसीमा को 10 सितंबर से 10 अक्तूबर किया गया है. इसी प्रकार जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 जमा कराने की समयसीमा को बढ़ाकर क्रमश: 31 अक्तूबर और 10 नवंबर किया गया.

मंत्री समूह के प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 30 अक्तूबर तक ही सरकार रिटर्न जमा कराने में आ रही 70 से 80 प्रतिशत तक दिक्कतों को हल कर पाएगी. उन्होंने कहा कि अगस्त में 3.3 लाख लोगों ने जीएसटीआर-3बी जमा कराया है. इस नई व्यवस्था के तहत कुल 85 लाख डीलरों ने पंजीकरण कराया है. मोदी ने कहा, ‘यहां तक कि जुलाई माह के दौरान अब तक केवल 46 लाख करदाताओं ने 3बी रिटर्न जमा कराया है.’

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