सिबली इंडस्ट्रीज के निदेशकों पर हेराफेरी का आरोप, SEBI ने लगाया 30 लाख का जुर्माना
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सिबली इंडस्ट्रीज के निदेशकों पर हेराफेरी का आरोप, SEBI ने लगाया 30 लाख का जुर्माना

जून, 2008 में लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के 69.9 लाख डॉलर राशि के 15.1 लाख जीडीआर के आवंटन में अनियमितताओं की नियामक द्वारा की गई जांच के बाद ये आदेश आए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: बाजार नियामक सेबी ने वैश्विक डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) जारी करने में हेरफेर से जुड़े मामले में सिबली इंडस्ट्रीज के तीन निदेशकों पर कुल 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी ने बुधवार को तीन अलग अलग आदेश में कहा कि सत्य प्रकाश मित्तल, महेंद्र कुमार गुप्ता और सुबोध कुमार गोयल (सभी निदेशकों) पर इस धोखाधड़ी भरी योजना के पक्षकार के रूप में काम करने के लिए जुर्माना लगाया गया है. जून, 2008 में लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के 69.9 लाख डॉलर राशि के 15.1 लाख जीडीआर के आवंटन में अनियमितताओं की नियामक द्वारा की गई जांच के बाद ये आदेश आए हैं.

इस पूरे के पूरे 15.1 लाख जीडीआर को केवल एक इकाई, विंटेज एफजेडई (जिसे अब अल्ट्रा विस्टा इंटरनेशनल एफजेडई के रूप में जाना जाता है) द्वारा यूरोपीय अमेरिकी निवेश बैंक (इर्यूअसाएएम) से ऋण प्राप्त करने के बाद खरीदा गया था. सेबी ने पाया कि मार्च, 2008 में बोर्ड की बैठक में अन्य निदेशकों के साथ फर्म के तीन निदेशकों ने बोर्ड के एक प्रस्ताव को पारित किया, जिससे इयूआरएएम बैंक को ऋण के संबंध में 'सिक्योरिटी' के रूप में एसवाईबीएलवाई (सिबली) की जीडीआर आय का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया गया था.

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बोर्ड ने फर्म के प्रबंध निदेशक और निदेशक उमेश कुमार मित्तल को इयूआरएएम बैंक की जरूरत के अनुरूप किसी भी आवेदन, समझौते आदि पर हस्ताक्षर करने के लिए भी अधिकृत किया था. आदेश में आगे कहा गया है, 'ऋण और प्रतिज्ञा समझौते की व्यवस्था, जिसके परिणामस्वरूप सिबली के जीडीआर मुद्दे के 'सब्सक्रिप्शन' हुआ, को स्टॉक एक्सचेंज में एक सच्चे और पूर्ण तरीके से खुलासा नहीं किया गया. ' नतीजतन, सभी निदेशकों में प्रत्येक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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