T-18 ट्रेन में सफर के लिए अभी करना होगा इंतजार, अगला सेट फरवरी 2019 तक होगा तैयार
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T-18 ट्रेन में सफर के लिए अभी करना होगा इंतजार, अगला सेट फरवरी 2019 तक होगा तैयार

इस तरह की ट्रेन को विकसित करने में लगता 3 से चार साल का समय लगता है लेकिन इसे रिकॉर्ड 18 माह में तैयार किया गया है. 

देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी T-18 से बुधवार को सफदरजंग स्टेशन पर टी-18 से पर्दा हटाया गया..

नई दिल्ली: देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी T-18 से बुधवार को सफदरजंग स्टेशन पर पर्दा हटाया गया. अब इसे ट्रायल के लिए मुरादाबाद सेक्शन पर भेजा जाएगा. कई खूबियों के साथ बनी देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन टी-18 करीब 2,150 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर परीक्षण के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंची. हालांकि, इस ट्रेन में सफर करने के लिए अभी लोगों को हफ्तों इंतजार करना पड़ेगा. 

  1. मेट्रो की तरह ट्रेन में स्वचालित दरवाजे लगे हैं
  2. यात्री 360 डिग्री के कोण में अपनी कुर्सिया मोड़ सकेंगे
  3. ट्रेन में स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है
  4.  

रिकॉर्ड 18 माह में तैयार की गई T-18
इस तरह की ट्रेन को विकसित करने में लगता 3 से चार साल का समय लगता है लेकिन इसे रिकॉर्ड 18 माह में तैयार किया गया है. इस आधुनिक ट्रेन में मेट्रो की तरह ट्रेन में स्वचालित दरवाजे लगे हुए हैं, जो स्टेशन पर ही खुलेंगे. सीधे पहियों पर लगे ब्रेक डिस्क और इलेक्ट्रो प्न्यूमेटिक ब्रेक प्रणाली से कम दूरी में ट्रेन रुकेगी. एक्सीक्यूटिव श्रेणी की बोगी में यात्री 360 डिग्री के कोण में अपनी कुर्सिया मोड़ सकेंगे. 12 हजार हॉर्स पावर क्षमता के इस ट्रेन में इंजन लगे हुए हैं. 16 कोच की टी-18 में दो एक्सीक्यूटिव श्रेणी की बोगियां हैं. 44 यात्री एक्सीक्यूटिव श्रेणी में बैठ सकते, अन्य में 78 बैठ सकते हैं. स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल ट्रेन में किया गया है.  

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परीक्षण के बाद टी-18 को मुरादाबाद भेजा जाएगा
दिल्ली के शकुर बस्ती पहुंचते ही परीक्षण के तौर पर इसका इंजन सक्रिय किया गया. परीक्षण के बाद टी-18 को मुरादाबाद भेजा जाएगा. मुरादाबाद में ट्रेन के सीटों पर बालू की बोरियां यात्रियों के स्थान पर रखी जाएगी, ताकि उसके असर को जांचा जा सके. इसके अलावा ट्रेन में लगी तमाम प्रणालियों के साथ गति के साथ होने वाली कंपन पर भी नजर होगी. रेलवे संरक्षा आयुक्त से मंजूरी मिलने के बाद परिचालन शुरू होगा. 110 किमी प्रति घंटे से शुरू कर 180 किमी तक की गति तक पर परीक्षण होगा. टी-18 का दूसरा परीक्षण दिल्ली-मथुरा रूट पर होगा. इसके बाद यह सेवा को तैयार होगी.  

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अगला सेट फरवरी तक होगा तैयार
हाल ही में जी डिजिटल को दिए एक साक्षात्कार इंट्रीगल कोच फैक्ट्री, चेन्नई के महाप्रबंधक सुधाशुं मनी ने बताया था कि अगला सेट फरवरी तक तैयार हो जाएगा. मनी का कहना था कि अगले सेट पर काम दिसंबर 2018 के आसपास शुरू किया जाएगा और इसे तीन माह के अंतराल में तैयार कर लिया जाएगा. इसकी लागत भी इस बार कम आएगी. यह लगभग 80 करोड़ में तैयार हो जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि टी-18 ट्रेन के कुल 6 सेट तैयार किए जाने हैं. 

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