TATA Sons समेत इन चार कंपनियों ने जताई Air India को खरीदने की इच्छा
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TATA Sons समेत इन चार कंपनियों ने जताई Air India को खरीदने की इच्छा

सरकार काफी समय में से एयर इंडिया (Air India) के निजीकरण का प्रयास कर रही है. एयर इंडिया के निजीकरण से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः सरकारी कंपनी एयर इंडिया (Air India) को खरीदने के लिए चार कंपनियों ने रुचि दिखाई है. इसके लिए सोमवार को टाटा संस (Tata Sons) समेत अन्य कंपनियों ने अपने रुचि पत्र (Expression of Interest) को जमा कर दिया है. इसमें टाटा संस के अलावा एयर इंडिया के कर्मचारियों और इंटरअप्स इंक का कंसोर्शियम, एस्सार समूह ( Essar Group) और स्पाइसजेट लिमिटेड (Spicejet Limited) शामिल है. 

  1.  एयर इंडिया पर करीब 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज
  2. एयर इंडिया की बिक्री की शर्तों में इस बार बदलाव
  3.  

जो कंपनी चुकाएगी कर्ज वो करेगी सवारी
Air India के ऊपर इतने बड़े कर्ज को कौन खरीदार उठाएगा, यही तय करेगा कि एयर इंडिया की पायलट सीट पर कौन बैठेगा. यानी जो जितना ज्यादा कर्ज चुकाने के लिये तैयार होगा वही महाराजा की सवारी करेगा. एयर इंडिया के लिए जनवरी में EoI मिले थे, जिसके मुताबिक 31 मार्च 2019 तक Air India के ऊपर 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो भी एयर इंडिया का खरीदार होगा उसे कर्ज का 23,286.50 करोड़ रुपये का भार खुद उठाना होगा. बाकी Air India Assets Holding Ltd (AIAHL) को ट्रांसफर हो जाएगी, जो कि एक स्पेशल परपज व्हीकल है.

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एयर इंडिया को लेकर सरकार ने कही ये बात 
एविएशन मिनिस्टर हरदीप​ सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने पिछले साल ही कहा था कि अगर एयर इंडिया निजीकरण (Air India Privatisation) नहीं हुआ तो इसे बंद करना पड़ सकता है. रविवार को उन्होंने कहा कि एयर इंडिया का विनिवेश एक गोपनीय प्रक्रिया है. संबंधित विभाग उचित समय पर जानकारी देगा.

90,000 करोड़ रुपये का है कर्ज
बता दें कि वर्तमान में टाटा संस की विमान कंपनी विस्तारा है, जिसे वह सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) के साथ मिलकर चलाती है. अब यह किफायती विमान कंपनी AirAsia के जरिए एयर इंडिया में रुचि दिखा रही है. सिंगापुर एयरलाइंस इस सरकारी विमान कंपनी में निवेश करने की इच्छुक नहीं थी. एयर इंडिया पर करीब 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

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शर्तों में किया गया बदलाव
सरकार ने हाल ही में एयर इंडिया की बिक्री की शर्तों में इस बार बदलाव किया है. इसके तहत एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. पहले यह 76 फीसदी था. इसके अलावा कंपनी AI-STAS में भी 50 फीसदी की अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी. अब इस कंपनी के संभावित खरीदार को एंटरप्राइज वैल्यू के आधार पर बोली लगानी होगी. इसका मतलब है कि पहले 23,000 करोड़ रुपये के डेब्ट की प्री-फिक्स्ड वैल्यू पर खरीदने की जरूरत थी, लेकिन अब नई रकम एयर इंडिया की इक्विटी और डेब्ट दोनों के आधार पर तय होगी.

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