केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission ) ने आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) को किसने बनाया था, इसको लेकर सरकार को नोटिस भेजा था. इसके जवाब में माईजीओवी (MyGov) और डिजिटल इंडिया (Digital India) के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस ऐप को बनाया है.
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नई दिल्लीः आरोग्य सेतु ऐप पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने सफाई पेश की है. सरकार का कहना है कि इस ऐप की मदद से कोरोना वायरस बीमारी को रोकने में काफी मदद की है. केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission ) ने आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) को किसने बनाया था इसको लेकर सरकार को नोटिस भेजा था. इसके जवाब में माईजीओवी (MyGov) और डिजिटल इंडिया (Digital India) के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस ऐप को बनाया है. सरकार ने अब एक प्रेस रीलीज जारी करते हुए अपनी सफाई दी है.
आरोग्य सेतु ऐप पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने सफाई पेश करते हुए कहा कि आरोग्य सेतु ऐप भारतीय सरकार के जरिए पब्लिक प्राइवेट मोड पर बनाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि यह ऐप रिकॉर्ड वक्त में तैयार कराया गया है और इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है और यह पूरी तरह से पारदर्शी है. इस ऐप को लेकर किसी तरह का कोई भी संश्य नहीं होना चाहिए और हिंदुस्तान में कोरोना वायरस को रोकने में इस ऐप ने बहुत मदद की है. इस ऐप को रिकॉर्ड 21 दिनों में तैयार कर लिया गया था. दो अप्रैल 2020 से लगातार इस ऐप को लेकर के अपडेशन और प्रेस रीलीज शेयर की जा रही हैं. इस ऐप का सोर्स कोड भी ओपन डोमेन में डाला गया है.
यहां से उठा था विवाद
इससे पहले नेशनल इंफोर्मेटिक्स ब्यूरो, जो सरकारी वेबसाइट डिजाइन करता है और आईटी मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने एक आरटीआई जवाब में कहा था कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया है और इसे कैसे बनाया गया है. आरोग्य सेतु की वेबसाइट यह भी बताती है कि ऐप को एनआईसी और मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया था. अभिषेक सिंह ने स्पष्ट किया, इस बात पर कोई भ्रम नहीं है कि एनआईसी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मिल कर आरोग्य सेतु ने बनाया है. हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ दिमाग ने इस ऐप को बनाया है.
इस व्यक्ति ने दायर की थी शिकायत
ये मुद्दा तब उठा जब सौरव दास नामक एक व्यक्ति ने शिकायत की, जिसमें कहा गया है कि संबंधित प्राधिकरण- एनआईसी, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय - ये जानकारी देने में विफल रहे कि आरोग्य सेतु ऐप का निर्माण किसने किया.
दास ने कहा कि आरटीआई एनआईसी के लिए दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह ऐप के निर्माण से संबंधित जानकारी नहीं रखता है, जो कि ऐप के डेवलपर के लिए बहुत ही आश्चर्यजनक है. केंद्रीय सूचना आयोग ने अब सरकार और विभिन्न एजेंसियों को नोटिस भेजा है कि क्यों न उन पर आरोग्य सेतु निर्माण के बारे में जानकारी नहीं देने पर जुर्माना लगाया जाए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय सूचना आयोग ने एनआईसी से यह बताने के लिए भी कहा कि जब आरोग्य सेतु वेबसाइट में यह उल्लेख किया गया है कि इसे किसने डिजाइन, विकसित और होस्ट किया है, तो इसके पास कैसे यह जानकारी नहीं है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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