भारत में पिचकारी और रंगों की सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका है
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नई दिल्ली: इस साल होली में रंग थोड़ा फीका रहने की उम्मीद है. चीन में कोरोना वायरस (Corona Virus) फैलने की वजह से भारत में पिचकारी और रंगों की सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका है. ये भी संभावना जताई जा रही है कि इस साल आपको रंग और बच्चों के लिए पिचकारी खरीदने के लिए 15-20 प्रतिशत ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है.
चीन से भारत को पिचकारी और रंगों की सप्लाई नहीं के बराबर
जानकारों का कहना है कि इस साल देश में होली के लिए मिलने वाले रंगों और पिचकारियों की सप्लाई कम रह सकती है. चीन में कोरोना वायरस फैलने की वजह से भारत में इस साल चीनी रंग और पिचकारी नहीं आ पाई है. देश में अब तक होली के त्यौहार में 90 प्रतिशत रंग और पिचकारी चीन से ही आते रहे हैं. इसके अलावा ये भी सच है कि घरेलू कंपनियां देश में इन उत्पादों की पूरी सप्लाई करने में असमर्थ हैं. दूसरा बड़ी वजह ये है कि चीनी सामान घरेलू उत्पादों की तुलना में सस्ते भी होते हैं. इस साल चीन से सामान भारत नहीं पहुंचने की वजह से घरेलू उत्पादों की दामों में 20 प्रतिशत तक महंगा होने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि हर साल होली से पहले देश में चीनी उत्पादों का विरोध होता है. लेकिन सस्ते होने की वजह से ज्यादातर लोग चीन से आयातित सस्ते रंग और पिचकारियां भी खरीदते हैं. इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि ज्यादातर लोग त्यौहार मनाने के लिए ऑर्गेनिक रंगों की ही मांग कर सकते हैं. ऑर्गेनिक रंग की मांग में भी करीब 23 फीसदी तक की तेजी देखी गई है.