टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार का मास्टर प्लान, विदेशी पर्यटकों को होगी आसानी
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टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार का मास्टर प्लान, विदेशी पर्यटकों को होगी आसानी

पर्यटन मंत्रालय मध्य प्रदेश के सांची स्तूप, उत्तर प्रदेश के सारनाथ और बिहार के बोधगया जैसे स्थानों पर कम से कम तीन विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगाने की योजना बना रहा है, जहां श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. 

बिहार के बोधगया की तस्वीर, जहां बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के मानने वाले आते हैं.

नई दिल्ली: साल 2020 तक दो करोड़ विदेशी पर्यटकों की आमद को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रमुख पर्यटन स्थलों पर विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगाने, ई-वीजा आवेदन की अवधि को कम करने और वीजा शुल्क में भी कमी करने की योजना बनाई है. मंत्रालय मध्य प्रदेश के सांची स्तूप, उत्तर प्रदेश के सारनाथ और बिहार के बोधगया जैसे स्थानों पर कम से कम तीन विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगाने की योजना बना रहा है, जहां श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. मंत्रालय की योजना है कि इन स्थानों पर सिंहला, जापानी और कोरियाई भाषा में साइन बोर्ड लगाए जाएं. इन साइन बोर्ड में क्यूआर कोड भी होंगे, जिसे स्कैन करने पर स्मारक, उसके इतिहास और अन्य विवरणों की विस्तृत जानकारी उस भाषा में प्रदान की जाएगी. 

पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने आईएएनएस को बताया, "हम अभी भी प्रारंभिक चरण में हैं, क्योंकि अधिकारियों के साथ मैं खुद योजना की संभावनाओं पर विचार कर रहा हूं. लेकिन एक बार मंजूरी मिलने के बाद, यह निश्चित रूप से विदेशी पर्यटकों को बढ़ावा देने में मदद करेगा." प्रस्तावित योजना के तहत, मंत्रालय शुरू में प्रसिद्ध स्मारकों की पहचान करेगा, बाद में एक डेटा शोध किया जाएगा, जिसमें पता लगाया जाएगा कि उस स्मारक को देखने किन देशों के पर्यटक सबसे ज्यादा आते हैं. मंत्रालय इसके बाद उन देशों की मातृभाषा में साइन बोर्ड लगाएगा.

पटेल ने कहा, "हम कम से कम तीन विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगाने की योजना बना रहे हैं. साथ ही क्यूआर कोड भी लगाया जाएगा, जो एक गाइड की तरह स्मारक के बारे में जानकारी मुहैया कराएगा." हालांकि यह योजना अभी शुरुआती चरण में है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि शीर्ष अधिकारी योजना के प्रति बहुत समर्पित हैं और इसे एक साल के भीतर पूरा करने की योजना है.

इस फैसले से सांची स्तूप जैसे स्मारकों पर पर्यटकों की आमद को बढ़ावा मिलेगा, जहां मंत्रालय ने पाया है कि श्रीलंका के पर्यटक सबसे ज्यादा आते हैं. पर्यटन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "योजना के मुताबिक, साइन बोर्ड के माध्यम से विदेशी पर्यटकों को विभिन्न दिशाओं में क्या है, इसकी जानकारी देने के साथ ही स्मारक के इतिहास और महत्व की भी जानकारी दी जाएगी." इसके अलावा मंत्रालय विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर ई-वीजा प्रारूप को छोटा करने और वीजा शुल्क को कम करने पर काम कर रहा है, जो कई विदेशी पर्यटकों के लिए चिंता का विषय है. 

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