चालू खाता घाटा तीसरी तिमाही में बढ़कर हुआ 13.5 अरब डॉलर
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चालू खाता घाटा तीसरी तिमाही में बढ़कर हुआ 13.5 अरब डॉलर

पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले समीक्षाधीन तिमाही में चालू खाते का घाटा आठ अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.4 फीसदी बढ़ गया है.

प्रतीकात्मक फोटो

मुंबई : भारत के चालू खाते का घाटा (सीएडी) मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 13.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से शुक्रवार (16 मार्च) को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले समीक्षाधीन तिमाही में चालू खाते का घाटा आठ अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.4 फीसदी बढ़ गया है.

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आरबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में सीएडी 13.5 अरब डॉलर है जोकि जीडीपी का दो फीसदी है और दूसरी तिमाही से 7.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.1 फीसदी बढ़ गया है. आरबीआई ने कहा, "निर्यात के मुकाबले आयात में अधिक होने के कारण व्यापार घाटा पिछले साल के मुकाबले 44.1 अरब डॉलर) बढ़ जाने से सीएडी में इजाफा हुआ है." आरबीआई के मुताबिक, सॉफ्टवेयर सेवा और यात्रा प्राप्तियों से शुद्ध आय में इजाफा होने से शुद्ध सेवा क्षेत्र की प्राप्तियों में पिछले साल के मुकाबले 17.8 फीसदी की वृद्धि हुई है.

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आरबीआई के मुताबिक, शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.3 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले साल 2016-17 की तीसरी तिमाही के 9.7 अरब डॉलर से कम है. केंद्रीय बैंक ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विदेश मुद्रा भंडार में जहां 9.4 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है वहीं पिछले साल की समान अवधि में 1.2 अरब डॉलर की कमी आई थी.

(इनपुटः एजेंसी)

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