नई दिल्ली : भारतीय रेलवे (Indian Railway) की महत्वाकांक्षी ट्रेन18 (Train 18) को तीन दिन की जांच के बाद सरकार के विद्युत निरीक्षक (ईआईजी) की मंजूरी मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सप्ताह के भीतर इस रेलगांड़ी को हरी झंडी दिखा सकते हैं. सूत्रों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी. यह बहुप्रतीक्षित रेलगाड़ी परीक्षण परिचालन पूरा करने के बाद पिछले एक महीने से अधर में अटकी हुई थी. इसे रेलवे सुरक्षा मुख्य आयुक्त ने शर्तों के साथ मंजूरी दी थी. रॉलिंग स्टॉक विभाग की आपत्तियों के बाद भी रेलवे बोर्ड ने ट्रेन18 को ईआईजी परीक्षण के लिए सोमवार को भेज दिया था.
आठ घंटे का होगा दिल्ली से बनारस का सफर
सूत्र ने बताया कि जांच रिपोर्ट बोर्ड के पास भेजी जाएगी. इसके बाद यह तय किया जाएगा कि इसे हरी झंडी किस रोज दिखाई जाएगी. 16 बोगियों वाली इस रेलगाड़ी को 18 महीने में 97 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. इसे 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस का उत्तराधिकारी माना जा रहा है. इससे पहले खबर आई थी कि ट्रेन 18 को दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जाएगा. अगले हफ्ते प्रधानमंत्री ट्रेन-18 को दिल्ली से वाराणसी के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं. यह ट्रेन आठ घंटों में दिल्ली से वाराणसी की दूरी तय करेगी.
अभी दिल्ली से वाराणसी के साढ़े 11 घंटे
अभी दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली सबसे तेज गति वाली ट्रेन साढ़े ग्यारह घंटे का समय लेती हैं. इस ट्रेन में वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरों के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं होंगी और इसमें कोई इंजन नहीं है. यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के साथ 750 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. दूसरी तरफ पिछले दिनों यह भी खबर आई थी कि ट्रेन में जगह की काफी कमी है.
आईआरसीटीसी को शिकायत दूर होने का इंतजार
इस बारे में IRCTC ने शिकायत की है. IRCTC का कहना है कि कम जगह होने की वजह से कैटरिंग के लिए स्पेस नहीं है. ऐसे में यात्रियों को उनकी पसंद का खाना कैसे मिल पाएगा. आईआरसीटीसी के एक सूत्र ने कहा, 'ट्रेन में राजधानी में उपलब्ध स्थान की एक तिहाई जगह ही थी. इस बारे में इंट्रीग्रल कोच फैक्ट्री को बता दिया गया है और वे डिब्बे में बदलाव की प्रक्रिया में हैं.' सूत्रों के मुताबिक खबर है कि, ट्रेन में जगह की कमी को देखते हुए सीट की संख्या में कमी की जा सकती है.