भारतीय रेलवे (Indian Railway) की मोस्ट अवेटिड ट्रेन-18 (Train 18) या 'वंदे भारत एक्सप्रेस' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया. इससे पहले भारत की सबसे तेज ट्रेन का पीएम मोदी ने निरीक्षण किया.
Trending Photos
नई दिल्ली : भारतीय रेलवे (Indian Railway) की मोस्ट अवेटिड ट्रेन-18 (Train 18) या 'वंदे भारत एक्सप्रेस' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया. इससे पहले भारत की सबसे तेज ट्रेन का पीएम मोदी ने निरीक्षण किया. नई दिल्ली स्टेशन से लाइव अपडेट दे रहे जी डिजीटल संवाददाता विवेक तिवारी ने बताया कि आम यात्रियों के लिए यह ट्रेन 17 फरवरी से शुरू होगी. पीएम मोदी ने ट्रेन को करीब 11:25 बजे बजे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
नई दिल्ली से वाराणसी तक जाएगी ट्रेन
शुक्रवार को नई दिल्ली से रवाना हुई ट्रेन वाराणसी तक जाएगी. ट्रेन में रेल अधिकारियों के साथ पत्रकारों का ग्रुप भी गया है. ट्रेन को रवाना करने से पहले पीएम ने रेल अधिकारियों के साथ ट्रेन के अंदर निरीक्षण किया. इस मौके पर पीएम ने कहा कि ट्रेन को चेन्न्ई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है. उन्होंने मेक इन इंडिया की तारीफ करते हुए कहा कि रेलवे ने इसे सही दिशा दी है.
शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी
कार्यक्रम की शुरुआत में पुलवामा में शहीद हुए CRPF के जवानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी इस हमले के लिए जिम्मेदार है, उन्हें इसकी बड़ी कीमत उठानी पड़ेगी.
India gets the first Semi High Speed Train, 'Vande Bharat Express.' https://t.co/dSZLJaoWRY
— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2019
वंदे भारत एक्सप्रेस की खूबियां
वंदे भारत देश की पहली बिना इंजन वाली सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. ट्रेन को मेक इन इंडिया के तहत चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. ट्रेन के दरवाजे ऑटोमेटिक है और यह पूरी तरह से एसी ट्रेन है. ट्रेन में कुल 16 कोच हैं और 1100 से ज्यादा यात्री इसमें एक बार में सफर कर सकते हैं. ट्रेन के कुछ पार्ट्स को विदेश से आयात किया गया है. ट्रेन के कोच में स्पेन से मंगाई गई विशेष सीट लगी है, जिन्हें जरूरत पर 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है.
वंदे भारत एक्सप्रेस की खास बात यह है कि इसमें आपको दूसरी ट्रेनों की तरह इंजन दिखाई नहीं देगा. जिस पहले कोच में ड्राइविंग सिस्टम लगया गया है, उसमें 44 सीटें दी गई हैं. वहीं ट्रेन के बीच में लगे दो एग्जीक्यूटिव कोच में 52 सीटें होंगी. इसके अलावा अन्य कोच में 78 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है.