बजट के 'झटके' से नहीं उबर पा रहा बाजार, निवेशकों के 4.6 लाख करोड़ रुपए डूबे
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बजट के 'झटके' से नहीं उबर पा रहा बाजार, निवेशकों के 4.6 लाख करोड़ रुपए डूबे

सेंसेक्स में भारी गिरावट से बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,58,581.38 करोड़ रुपये घटकर 1,48,54,452 करोड़ रुपये रह गया.

बजट के दिन दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर सेंसेक्स अपने शुरुआती स्तर से 500 अंक नीचे गिर गया था. (PTI/1 Feb, 2018)

नई दिल्ली: बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में शुक्रवार (2 फरवरी) को 840 अंक की जोरदार गिरावट आई. इससे निवेशकों की बाजार हैसियत कुल मिला कर 4.6 लाख करोड़ रुपये नीचे आ गयी. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 839.91 अंक या 2.34 प्रतिशत के नुकसान से 35,066.75 अंक पर आ गया. सेंसेक्स में भारी गिरावट से बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,58,581.38 करोड़ रुपये घटकर 1,48,54,452 करोड़ रुपये रह गया. यह 24 अगस्त, 2015 के बाद एक दिन में सेंसेक्स की सबसे बड़ी गिरावट है. उस दिन सेंसेक्स 1,624.51 अंक टूटा था. बजट में शेयरों पर दस प्रतिशत का दीर्घावधि का पूंजीगत लाभ कर लगाया गया है. इससे शेयर बाजार प्रभावित हुआ. सेंसेक्स के 30 शेयरों में 27 नुकसान में रहे.

  1. सेंसेक्स 839.91 अंक या 2.34 प्रतिशत के नुकसान से 35,066.75 अंक पर आ गया.
  2. बाजार पूंजीकरण 4,58,581.38 करोड़ रुपये घटकर 1,48,54,452 करोड़ रुपये रह गया.
  3. यह 24 अगस्त, 2015 के बाद एक दिन में सेंसेक्स की सबसे बड़ी गिरावट है.

शेयरों पर 10 प्रतिशत दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर, निवेशक परेशान
सरकार ने 14 साल बाद शेयरों से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाने का एलान किया है. माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिये उठाया है. इसके साथ ही इक्विटी केन्द्रित म्यूचुअल फंड की वितरित आय पर भी 10 प्रतिशत कर लगाने का बजट में प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली की इस बजट घोषणा से शेयर बाजार को झटका लगा था और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1 फरवरी की दोपहर के कारोबार में 400 अंक से अधिक टूट गया. हालांकि, बाद में बाजार सुधर गया और मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ.

जेटली ने क्या कहा
जेटली ने 2018-19 का बजट पेश करते हुये कहा था, ‘‘मैं इस प्रकार के एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगने का प्रस्ताव करता हूं, इसमें किसी प्रकार के सूचीकरण का लाभ मान्य नहीं होगा. हालांकि, 31 जनवरी 2018 तक कि इस प्रकार के लाभ पर यह कर लागू नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा कि पहले साल में इस कर प्रस्ताव से सरकार को 20,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. उसके बाद के सालों में यह राशि बढ़ सकती है. वर्तमान में खरीदने के एक साल के भीतर शेयरों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर 15 प्रतिशत की दर से कर लगता है, लेकिन एक साल से ज्यादा अवधि के बाद शेयर बेचने से होने वाला पूंजीगत लाभ कर मुक्त रखा गया था. अब ताजा बजट प्रस्ताव के मुताबिक एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर देय होगा. 

म्यूचुअल फंड से मुनाफे पर 10 प्रतिशत टैक्स
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2016 में कहा था कि शेयर बाजार कारोबारियों को कर का भुगतान कर सरकारी खजाने में योगदान बढ़ाना चाहिये. विशेषज्ञों के अनुसार आयकर कानून में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर का प्रावधान होने से सरकार ने कालेधन के खिलाफ अपनी लड़ाई को ही आगे बढ़ाया है. इक्विटी केन्द्रित म्यूचुअल फंड की वितरित आय पर 10 प्रतिशत कर के बारे में जेटली ने कहा कि इससे वृद्धि केन्द्रित और लाभांश वितरण कोषों के अनुरूप ही समान नियम शर्तें हो जायेंगी. बजट में हालांकि प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. शेयर बाजार में होने वाली सभी तरह की खरीद-फरोख्त पर एसटीटी लगता है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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