बजट से 6 महीने पहले तय हो जाता है किसे क्या मिलेगा? जान‍िए कैसे होता है काम
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बजट से 6 महीने पहले तय हो जाता है किसे क्या मिलेगा? जान‍िए कैसे होता है काम

बजट 2022 में व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से लोगों को काफी उम्‍मीदें हैं। लोगों को उम्‍मीद है क‍ि पांच राज्‍यों में व‍िधानसभा चुनाव के कारण सरकार कई ऐसी घोषणाएं कर सकती है, ज‍िसकी लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं।  

बजट से 6 महीने पहले तय हो जाता है किसे क्या मिलेगा? जान‍िए कैसे होता है काम

नई द‍िल्‍ली : व‍ित्‍त मंत्रालय में आम बजट (Budget 2022) को लेकर तैयार‍ियां जोर-शोर से चल रही हैं। व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को चौथी बार बजट पेश करेंगी. बजट से पहले तमाम सेक्‍टर व‍ित्‍त मंत्री से अपनी मांगें करते हैं। लेक‍िन यह बजट पेश होने पर ही पता चलता है क‍ि क‍िसे क्‍या म‍िला?

  1. 6 महीने पहले से शुरू हो जाती है बजट की प्रक्रिया
  2. बेहद गोपनीय तरीके से काम करती है बजट की टीम
  3. बजट भाषण शुरू होने से पहले बाहर नहीं न‍िकलने अध‍िकारी

बेहद गोपनीय होती है बजट तैयार करने की प्रक्रिया

बजट तैयार करने की प्रक्रिया बेहद गोपनीय होती है. लेकिन, शायद ही आपको पता हो क‍ि यह 6 महीने पहले से ही तय होता है कि बजट में क‍िसे क्‍या मिलने वाला है. दरअसल, आम बजट बनाने की प्रक्रिया में करीब छह महीने लगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जबरदस्त गोपनीयता बरती जाती है. जानते हैं अगस्त से लेकर बजट पेश होने तक कैसे चलती है पूरी प्रक्रिया-

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अगस्‍त में हो जाती है शुरुआत

व‍ित्‍त मंत्रालय के इकोनॉम‍िक अफेयर्स ड‍िपार्टमेंट का 'बजट ड‍िवीजन' अगस्‍त के आख‍िर या स‍ितंबर के शुरू में बजट सर्कुलर जारी करता है. स‍ितंबर के आख‍िर तक अगले व‍ित्‍त वर्ष के ल‍िए सरकारी व्‍यय का अनुमान‍ित आंकड़ा तैयार कर ल‍िया जाता है.

नवंबर : क‍िस मंत्रालय को क‍ितना बजट

बजट में हर मंत्रालय अपने ल‍िए ज्‍यादा से ज्‍यादा फंड‍िंग चाहता है. इसके ल‍िए हर मंत्रालय के वर‍िष्‍ठ अध‍िकारी व‍ित्‍त मंत्रालय के अध‍िकार‍ियों के साथ बातचीत करते हैं. ये प्रक्रिया नवंबर तक चलती है. इस दौरान हुई बातचीत के आधार पर व‍ित्‍त मंत्रालय के अध‍िकारी संबंध‍ित मंत्रालयों के बजट का खाका तैयार कर लेते हैं.

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द‍िसंबर : फर्स्‍ट कट ऑफ बजट की तैयारी

द‍िसंबर में बजट की पहली डॉफ्ट कॉपी (इसे फर्स्‍ट कट ऑफ बजट कहा जाता है) को व‍ित्‍त मंत्री के सामने रखा जाता है. फर्स्‍ट कट ऑफ बजट का पेपर लाइट ब्‍लू कलर का होता है. कहा जाता है क‍ि लाइट ब्‍लू पेपर पर ब्‍लैक इंक ज्‍यादा उभर कर आती है.

जनवरी : व‍िभ‍िन्‍न लोगों से ली जाती है सलाह

जनवरी में बैंक एसोस‍िएशंस, व‍िभ‍िन्‍न उद्योग समूहों के प्रत‍िन‍िध‍ियों और जाने-माने अर्थशास्‍त्र‍ियों से व‍ित्‍त मंत्री की मीट‍िंग होती है. व‍ित्‍त मंत्री सबकी सलाह सुनते हैं, हालांक‍ि उस सलाह को बजट में शाम‍िल करने या न करने का अंत‍िम फैसला उनका ही होता है.

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आख‍िरी सप्‍ताह

बजट पेश होने से पहले अंतिम सप्‍ताह में व‍ित्‍त मंत्रालय के बेसमेंट में मौजूद प्रेस में बजट दस्‍तावेजों की प्र‍िंट‍िंग होती है. बजट पेश होने के एक सप्‍ताह पहले तक 100 कर्मचार‍ियों को ब‍िल्‍कुल अलग रखा जाता है, ताक‍ि कोई गोपनीय सूचना लीक न हो.

दो द‍िन पहले

बजट भाषण के दो द‍िन पहले प्रेस इंफार्मेशन ब्‍यूरो के अध‍िकारी काम में लग जाते हैं. लगभग 20 अफसरों पर ह‍िंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रेस र‍िलीज बनाने की ज‍िम्‍मेदारी होती है. बजट भाषण शुरू होने से पहले उन्‍हें बाहर नहीं न‍िकलने द‍िया जाता.

क्‍या होता है बजट के द‍िन

व‍ित्‍त मंत्री संसद में बजट पेश करने से पहले भारत के राष्‍ट्रपत‍ि और केंद्रीय मंत्र‍िमंडल के समक्ष बजट का संक्षेप पेश करते हैं. कैब‍िनेट को बजट भाषण से कुछ देर पहले संक्ष‍िप्‍त ब्‍योरा द‍िया जाता है. इसके बाद बजट को संसद में रखा जाता है. सामान्‍यत : बजट द‍िन के 11 बजे संसद में रखा जाता है.

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